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– शासन ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, प्रमुख अभियंता को एफआईआर कराने के निर्देश
– पूर्व में भी पकड़ में आया था ऐसा ही फर्जीवाड़ा
पहाड़ का सच देहरादून।
एक बार फिर उत्तराखंड सिंचाई विभाग के चार जेई का विभागीय सचिव के फर्जी आदेश से तबादला आदेश जारी करने का मामला सामने आया है। शासन स्तर से यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। इसके बाद सचिव सिंचाई डा.आर राजेश कुमार ने प्रभारी प्रमुख अभियंता को प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। प्रमुख अभियंता कार्यालय में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
नियम है कि विभाग में जेई तक के तबादले प्रमुख अभियंता स्तर से होते हैं। इससे ऊपर के अधिकारियों के तबादले शासन स्तर से किए जाते हैं। ताजा मामले में सिंचाई विभाग के सचिव के कूटरचित हस्ताक्षर से चार जेई चिंरजी लाल, सुमित कुमार , जयदीप सिंह व महेंद्र पाल सिंह के तबादला आदेश जारी कर दिए गए। शासन स्तर पर जब अधिकारियों को इन तबादलों की भनक लगी तो आदेशों की पत्रावलियां, गार्ड फाइल आदि को देखा गया तो पता चला कि इन चार तबादलों से जुड़े आदेशों से संबंधित कोई भी पुष्ट अभिलेख और नोट शीट आदि से संबंधित पत्रावलियां नहीं हैं।
मूल कॉपी नहीं, हर जगह फोटोस्टेट जिन अधिकारियों का फर्जी तबादला आदेश (एक जेई का नवंबर-2023 और तीन का 31 जनवरी2025 को) जारी हुआ उसकी कहीं भी मूल कॉपी नहीं है। हर जगह पर फोटो स्टेट लगाए गए हैं। इससे लगता है कि सचिव सिंचाई आर राजेश कुमार के हस्ताक्षरों को स्कैन कर फर्जी तरीके से तबादला आदेश जारी किया गया। शासन ने संदेह होने पर एक डिस्पैचर को हटा दिया है।
सचिव सिंचाई डा. राजेश कुमार का कहना है कि फर्जी तबादला आदेश शासन स्तर में पकड़ में आया है। अन्य तबादला आदेशों का मिलान करने की जिम्मेदारी प्रमुख अभियंता को दी गई है। इस प्रकरण में प्रभारी प्रमुख अभियंता को एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्देश दिया गया है। जिन जेई का आदेश से तबादला हुआ था, उनको पूर्व के स्थान पर भेजा गया है।
दूसरे तबादले आदेश भी संदेह के दायरे में
चार जेई के फर्जी तबादला आदेश जारी होने के बाद पूर्व में हुए अन्य तबादला आदेश भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। इस संबंध में सचिव सिंचाई ने प्रभारी प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने प्रकरण का उल्लेख करते हुए कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि इस तरह के अन्य प्रकरण हो सकते हैं। ऐसे में पूर्व के सभी स्थानांतरण आदेशों का मिलान कर लिया जाए। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो तत्काल कठोर कार्रवाई करने के साथ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
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