– समाज कल्याण नोडल विभाग नामित, पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग को प्रवर्तन का अधिकार
– नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग, पुराने एवं नए नशा मुक्ति केंद्र राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण से पूंजीकृत होंगे
पहाड़ का सच, देहरादून।
शासन ने राज्य के संबंधित विभागों और अफसरों को सख्त लहजे में कहा कि ड्रग फ्री उत्तराखंड के लिए मादक पदार्थों पर सख्ती से रोक लगाएं और नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग करें। इस अभियान की सफल बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग व पुलिस के साथ खाद्य सुरक्षा विभाग को इंफोर्समेंटम की जिम्मेदारी दी गई है।
गुरुवार को गृह सचिव शैलेश बगौली ने सचिवालय में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में संबंधित विभागों और अधिकारियों की बैठक की और गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने तथा नशे के कारोबार से जुड़े हुए अपराधियों पर समुचित लगाम लगवाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
गृह सचिव ने समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग को इस संबंध में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित समस्त पुराने एवं नए नशा मुक्ति केंद्रों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (SMHA) के अंतर्गत निर्धारित समय – सीमा के भीतर अनिवार्य पंजीकरण कराने की कार्रवाई पूर्ण करें। जिन केंद्रों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर पंजीकरण नहीं कराया जाता है तो उन्हें तत्काल बंद करें।
सचिव गृह ने कहा कि प्रदेश में संचालित समस्त पुराने एवं नए नशा मुक्ति केंद्रों की जांच किए जाने की दृष्टिगत समस्त जनपदों हेतु जांच समिति गठित करें और नियमित रूप से नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करें। राज्य के समस्त जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करवाएं।
उन्होंने राज्य में संचालित समस्त निजी नशा मुक्ति केंद्रों का मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम में उल्लेखित समय- सीमा के अनुसार नियमित परीक्षण और पंजीकरण की जांच करने के भी निर्देश दिए। सचिव ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का ढांचा बनवाने तथा राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को यथाशीघ्र तैयार करने के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा – निर्देश दिए।
बैठक में सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, विशेष गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव प्रकाश चंद्र आर्य व अपूर्वा पांडेय, एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह, संयुक्त निदेशक SMHA सुमित देव, उपसचिव जसविंदर कौर, डॉ. सुधीर कुमार आदि उपस्थित थे।