पहाड़ का सच,देहरादून।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं उत्तराखण्ड पुलिस को साइबर के क्षेत्र में और अधिक सुदृढ़ व तकनीकी रुप से सशक्त करने पर जोर दिया।
पुलिस महानिदेशक ने साइबर क्राइम की शिकायतों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने एवं वर्कआउट प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिये । साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु बैंकिंग सेक्टर की भूमिका निर्धारित करते हुये सभी नोडल अधिकारियों को इस सम्बन्ध में एसओपी जारी की जाएगी।
• साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु राज्य स्तर पर एक स्टेट साइबर क्राइम हेडक्वार्टर (S4C)/ साइबर सेंटर ऑफ एक्सलेंस स्थापित किये जाने हेतु शासन से पत्राचार करने हेतु निर्देशित किया गया, जिससे राज्य में साइबर पुलिस बल को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से और अधिक कुशल बनाया जा सकें ।
• साइबर अपराधों अंकुश लगाये जाने हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर एक साइबर थाना खोले जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे जाने एवं साइबर थाना कुमाँऊ व गढ़वाल परिक्षेत्र की जन शक्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया ।
• चण्डीगढ़ पुलिस द्वारा 1930 हेल्पलाइन के क्रियान्वयन एवं साइबर क्राइम पर की जा रही कार्यवाही का अध्ययन करने हेतु एक टीम को चण्डीगढ़ भेजे जाने हेतु निर्देशित किया गया ।
• साइबर क्राइम से बचाव हेतु जनजागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है, इस पर विशेष ध्यान देते हुए आमजन को साइबर क्राइम एवं उसके Modus Operandi के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये ।
• साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु अधिक से अधिक पुलिस बल को साइबर सम्बन्धी प्रशिक्षण दिये जाने तथा प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित साइबर सैल कर्मियों को साइबर सेल/ साइबर थाने पर नियुक्त किये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया ।
पुलिस मुख्यालय में आहूत गोष्ठी में एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/ अभिसूचना/ पीएसी/ सीसीटीएनएस/ दूरसंचार, नीलेश आनन्द भरणें, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, अनंत शंकर ताकवाले, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक, सेंथिल अब्दई कृष्ण राज एस, पुलिस उप महानिरीक्षक, पी एण्ड एम/ एसटीएफ, पी रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/ जीआरपी सहित अन्य अधिकारी/ कर्मचारीगण उपस्थित रहे।