– नीतियों की स्पिरिट को समझकर संवेदनशीलता के साथ उन्हें लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी .
– विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, अधिकारियों का दायित्व
पहाड़ का सच मसूरी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सिविल सेवकों की बेहद अहम भूमिका है।
युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाले शिल्पियों का समूह उपस्थित है, जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हम सबके सामने लक्ष्य रखा है कि 2047 में जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त भारत दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा।
शाह ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि अगले 25 वर्षों में एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमें मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसमें सभी देशवासी आत्मसम्मान और सभी सुविधाओं के साथ अपनी अगली पीढ़ी का नेतृत्व करें। उन्होंने कहा कि केवल भारत को हर क्षेत्र में प्रथम बनाने से विकसित भारत का सपना साकार नहीं होगा, बल्कि यह स्वप्न तभी साकार होगा जब 140 करोड़ लोग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे और समान अवसर प्राप्त करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि सिविल सेवा में स्व से पर यानी अपने से पहले दूसरों के बारे में विचार करने से बड़ा कोई मंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में जाने के बाद अधिकारियों को लोगों के जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिएं। आप जिस भी जिले में जाये वहाँ अलग-अलग पड़े डाटा को AI की मदद से एक साथ लाने का काम करना चाहिए, आपके ये छोटे-छोटे प्रयोग देश को आगे बढ़ाने में उपयोगी होंगे।
उन्होंने कहा कि विकास आंकड़ों से नहीं बल्कि परिणाम से होता है। .शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘Whole of Government approach’ का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई भी गतिविधि आइसोलेशन में नहीं परिणाम दे सकती, इसीलिए ‘Whole of Government approach’ के साथ काम करने पर ही सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता की दिशा में भी हमें ‘Whole of Government approach’ के साथ काम करना होगा क्योंकि जब तक हर व्यक्ति को समान अवसर नहीं मिलेगा, देश विकास की राह पर नहीं बढ़ सकता।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज उपस्थित चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देश की 50% जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होंगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिया गया ‘Women-led Development’ का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा। श्री शाह ने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना है लेकिन इन पर अमल करना अधिकारियों का काम है। उन्होंने कहा कि नीतियों पर अमल स्पिरिट के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नीतियों को सही तरीके से क्रियान्वित करना और इन्हें सही दिशा में संवेदनशीलता के साथ लागू करना उनकी जिम्मेदारी है। शाह ने कहा कि अधिकारियों का काम सरकार को Reactive नहीं बल्कि Pro-Active बनाने का है। उन्होंने कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, यह अधिकारियों का दायित्व है। शाह ने कहा कि प्रगति वही कर सकता है, जिसके अंदर आखिरी सांस तक छात्र बनकर सीखने की भावना जिंदा रहती है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बड़े- बड़े अर्थशास्त्री यह मानते थे कि GST भारत में सफल नहीं होगा, लेकिन आज GST हमारे देश के आर्थिक विकास की धुरी है। उन्होंने कहा कि Make in India आने वाले दिनों में देश का गौरव बनने वाला है क्योंकि भारत आज दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।