– पूर्व विधायक संजीव आर्य ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
पहाड़ का सच अल्मोड़ा। उत्तराखंड के मोहान में स्थित इंडियन मेडिसिंस फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IMPCL) को बेचने की सरकार की मंशा पर पूर्व विधायक संजीव आर्य ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि 1978 में केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर इस उद्योग को स्थापित किया था। यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का प्रमुख कारखाना है जो देश भर में और विदेशों में भी दवाओं की आपूर्ति करता है। पिछले साल इसे 18 करोड़ का मुनाफा हुआ और 6 करोड़ का लाभांश सरकार को देने की तैयारी है।
पूर्व विधायक ने कहा कि इस यूनिट में 500 से ज्यादा कर्मचारी हैं और हजारों छोटे किसान अपनी छोटी उपज और कच्चे माल की आपूर्ति करते हैं। मुनाफे में चल रहे दवा कारखाने को बेचने की योजना बनाई जा रही है जो आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश की बेशकीमती संपत्तियां चुनिंदा मित्रों को सौंपकर उनकी तिजोरी भरने के अलावा इसका क्या मकसद हो सकता है ?