– उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए
– उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में
– बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए किया पुरस्कृत
– राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध- मुख्यमंत्री
पहाड़ का सच,नई दिल्ली/देहरादून।
नई दिल्ली विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों को सर्वश्रेष्ठ ग्राम पुरस्कार दिया गया।
बेहतरी: उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है। साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच यह गांव तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया। हर्षिल अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, बर्फ से ढके पहाड़ों और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है, जबकि गुंजी गांव, जो चीन और नेपाल सीमा के निकट स्थित है, अपनी सामरिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखता है। इन गांवों में स्थानीय संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है।
बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया। सूपी गांव अपनी पारम्परिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा सके।
बताते चलें कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्कृति एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्य व जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें रखा जाता है। इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां राज्यों से आमंत्रित की जाती हैं। इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार पर उत्तराखण्ड के चार ग्रामों को चयनित किया गया है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, अपर निदेशक पर्यटन व नोडल अधिकारी श्रीमती पूनम चंद एवं चयनित चार ग्रामों के प्रधान एवं प्रतिनिधि तथा हर्षिल के ग्राम प्रधान दिनेश सिंह, सूपी की ग्राम प्रधान श्रीमती प्रेमा देवी, जखोल के ग्राम प्रधान विनोद कुमार एवं गूंजी के ग्राम प्रतिनिधि कृष गुंज्याल आदि उपस्थित रहे।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गुंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़े गौरव की बात है। राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इसके अलावा, हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया था। राज्य सरकार उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है। जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी घट गई है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर आदर्श स्थापित किया है। इसी के परिणाम स्वरूप राज्य सरकार विगत कुछ समय में पूरी पारदर्शिता के साथ सत्रह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने में सफल हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी तेजी से कार्य किए जा रहा हैं।