– संवैधानिक संस्थाओं को बयानबाजी का अड्डा न बनाएं,सरकार भी पूछे
– मुख्यमंत्री रहते निशंक ने उमेश को किया था तड़ीपार,
स्पीकर व सीएम के कदम पर टिकी नजरें
पहाड़ का सच मसूरी। विधानसभा सत्र के दौरान धामी सरकार गिराने सम्बन्धी साजिश के खुलासे पर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
500 करोड़ में धामी सरकार को गिराने की साजिश सम्बन्धी खुलासे पर पूर्व सीएम निशंक ने एक संवाददाता सम्मेलन में नाम नहीं लेते हुए निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को तथ्य पेश करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि हर कीमत पर निर्धारित समय पर खुलासा होना चाहिए । जिसने यह बात बोली है उसको खुलासा करना चाहिए। सरकार को भी पूछना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा व गरिमा बनी रहनी चाहिए। बयानबाजी का अड्डा नहीं बनना चाहिए। लोकतंत्र के इन स्तम्भों में कोई भी बात गम्भीरता से होनी चाहिए। चौराहों पर भाषण का अड्डा नहीं बनना चाहिए। कुछ भी बोल देने की छूट नहीं होनी चाहिए। प्रमाणिकता की बात होनी चाहिए।
निशंक ने स्वंय के यूपी ,उत्तराखण्ड विधानसभा व संसद में अपने संवैधानिक अनुभव को गिनाते हुए कहा कि इन संस्थाओं की गरिमा हर कीमत पर बनी रहनी चाहिए।
निशंक के बयान के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। पूर्व सीएम ने अपने बयान से विधानसभा में ऐसे वक्तव्य के औचित्य पर सवाल तो उठाये ही हैं। साथ ही स्पीकर ऋतु खंडूडी की ओर से इस गम्भीर मुद्दे पर उचित व्यवस्था सामने आने की ओर इशारा भी कर दिया है।
गौरतलब है कि गैरसैंण विधानसभा सत्र में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने गुप्ता बंधुओं पर 500 करोड़ में धामी सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद मीडिया व सोशल मीडिया में उमेश कुमार के बयान की चौतरफा निंदा हो रही है।
अभी तक निर्दलीय विधायक ने सरकार गिराने सम्बन्धी बयान के समर्थन में कोई ठोस तर्क पेश नहीं किये हैं। पूर्व सीएम के सामने आए अब नजरें सीएम धामी व स्पीकर के अगले कदम पर टिक गई है। गौरतलब है कि निशंक ने अपने कार्यकाल के दौरान उमेश कुमार को तड़ीपार किया था।