– पीएचक्यू की ओर से जारी किए गए हैं दिशा निर्देश – आयोजन से 15 दिन पूर्व लेनी होगी अनुमति, अनुमति न लेने वालों के खिलाफ होगी सख्त कारीवाई
पहाड़ का सच देहरादून।
विभिन्न आयोजनों पर एकत्र होने वाली भीड़ को देखते हुए एनओसी देने से पहले थाना प्रभारी द्वारा स्वयं मौके पर जाकर आयोजन स्थल की भीड़ क्षमता, प्रवेश/निवासी द्वार, पार्किंग आदि का आंकलन किया जाएगा।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान द्वारा आज समस्त परिक्षेत्र/जनपद प्रभारियों, पुलिस महानिरीक्षक, सुरक्षा, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था एवं पुलिस अधीक्षक, रेलवेज के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न मेले, धार्मिक आयोजन एवं अन्य अवसरों पर भीड़ प्रबन्धन के दृष्टिगत जनपदों द्वारा की जा रही कार्यवाही की समीक्षा करने के उपरान्त निम्न निर्देश दिये गये।
अपर पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि भीड़ प्रबन्धन के दृष्टिगत जनपदो में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को संवेदनशीलता से लिये जाने, आयोजन हेतु एनओसी दिये जाने से पूर्व थाना प्रभारी द्वारा स्वयं मौके पर जाकर आयोजन स्थल की भीड़ क्षमता, प्रवेश/निवासी द्वार, पार्किंग आदि का आंकलन करने के उपरान्त ही कार्यक्रम हेतु एनओसी दी जाये, के सम्बन्ध में समस्त थाना प्रभारियों को भली-भांति ब्रीफ कर निर्देशित किया जाये।
भीड़ प्रबन्धन के दृष्टिगत जनपदों में आयोजित होने वाले विभिन्न मेले, धार्मिक आयोजन एवं अन्य कार्यक्रम अनुमति के उपरान्त ही आयोजित किये जाये, के सम्बन्ध में जनपद के समस्त थाना/चौकी प्रभारियों को भली-भांति ब्रीफ कर निर्देश निर्गत किये जाये। सभी जनपद प्रभारी अपने-अपने जनपदों में होने वाले छोटे-बड़े आयोजनों के सम्बन्ध में एसओपी तैयार कर पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे। उसके बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा भीड़ प्रबन्धन के लिए एक विस्तृत एसओपी तैयार कर जनपदों को उपलब्ध करायी जायेगी।
जिलों में वर्ष में होने वाले समस्त मेले, त्यौहारों एवं अन्य अवसरों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर उसके अनुरुप समय से आवश्यक पुलिस प्रबन्ध सुनिश्चित कराये जाये। बिना अनुमति के आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाये।
किसी भी मेले एवं धार्मिक आयोजनों की आयोजकों द्वारा 15 दिवस पूर्व अनुमति हेतु आवेदन किये जाने के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। प्रत्येक आयोजन में भीड़ प्रबन्धन के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में पुलिस प्रबन्ध किये जाये। जनपदों में व्यवस्थापित आश्रमों एवं मठों के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उनके द्वारा वर्ष में आयोजित किये जाने वाले समस्त कार्यक्रमों का विवरण प्राप्त कर उसके अनुरुप समय से कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।