– मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों, मदरसों व आंगनबाड़ी केंद्रों को जारी किए निर्देश
– शैक्षणिक संस्थान डेंगू व चिकन गुनिया के प्रसार को रोकें
पहाड़ का सच देहरादून। डेंगू और चिकन गुनिया के संभावित खतरे को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी ने समस्त विद्यालयों / मदरसों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों को निर्देश दिए हैं कि वर्षाकाल में डेंगू व चिकन गुनिया बीमारी के प्रसार पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए स्कूली बच्चे जुलाई से नवंबर तक पहनेंगे पूरी बाहों की कमीज, पैन्ट, जुराब व जूते पहनकर आएं, दिशा-निर्देश सुनिश्चित किये जाएं।
आदेश में कहा गया है कि प्रतिवर्ष माह जुलाई से नवम्बर के मध्य डेंगू व चिकन गुनिया बीमारी के मच्छर सर्वाधिक सक्रिय रहते हैं, इस अवधि में मच्छरों के प्रजनन में अत्यधिक / असीमित वृद्धि होने के कारण आम जनमानस के लिए डेंगू व चिकन गुनिया बीमारी से ग्रसित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, विगत वर्षों में देखा गया है कि विद्यालय / मदरसों एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के स्तर पर छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों के मध्य इस गम्भीर / जानलेवा बीमारी के बचाव के प्रति अपेक्षित जागरूकता / सावधानी का व्यापक प्रचार-प्रसार न किये जाने कारण कई छात्र-छात्रायें डेंगु / चिकुनगुनिया बीमारी से ग्रसित हो गये थे। जिस कारण बीमारी के प्रसार को नियन्त्रित करना अत्यधिक कठिन हो गया था।
7 मई 2024 को जिला सभागार में सम्पन्न जिला टास्क फोर्स की बैठक में निर्णय लिया गया है कि बीमारी के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण / रोकथाम हेतु सभी विद्यालयों / शिक्षण संस्थाओं / आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्रभावी दिशा-निर्देश निर्गत किये जांय।समस्त संस्थाध्यक्षों / प्रधानाचार्यों / प्रधानाध्यापकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया जाता है कि ग्रीष्मावकाश के बाद माह जुलाई 2024 में विद्यालयों / शिक्षण संस्थाओं / मदरसों / आंगनबाड़ी केन्द्रों के खुलने पर उक्त बीमारी के प्रसार पर प्रभावी रोकथाम / नियंत्रण हेतु विद्यालयों/ शिक्षण संस्थाओं / मदरसों/आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्तर पर निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
विद्यालयों/ शिक्षण संस्थाओं / मदरसों / आंगनबाड़ी केन्द्रों के परिसर में कहीं भी वर्षा जल अथवा अन्य किसी भी प्रकार का जल भराव / ठहराव कदापि न होने दें।
विद्यालयों/शिक्षण संस्थाओं / मदरसों/आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं एवं समस्त स्टाफ को इस अवधि (माह जुलाई से नबम्वर तक) में प्रतिदिन पूरी बाहों की कमीज, पैन्ट, जुराब व जूते आदि पहनना अनिवार्य होगा, इस गणवेश में आने पर ही विद्यालयों / शिक्षण संस्थाओं / मदरसों / आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी, जो छात्र-छात्रा अथवा स्टाफ के सदस्य / कर्मचारी इस गणवेश में नहीं आयेंगें, उन्हें विद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति कदापि नहीं होगी।
NCC/NSS के छात्र-छात्रायें एवं कक्षा 9 से 12 के सभी छात्र-छात्रायें अपने घर के आस-पास भी जल भराव एवं बीमारी के प्रसार के रोकथाम हेतु अपने स्तर से जन-जागरूक का कार्यक्रम संचालित करेंगे।
– प्रधानाचार्य प्रतिदिन प्रार्थना स्थल में उपर्युक्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगें / करायेगें।
– प्रधानाचार्य प्रतिदिन उक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन की आख्या सम्बन्धित खण्ड़ शिक्षा 5 अधिकारी को प्रेषित करेंगे।
– समस्त उप शिक्षा अधिकारी / खण्ड शिक्षा अधिकारी/जिला शिक्षा अधिकारी / मुख्य शिक्षा अधिकारी नियमित रूप से विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा कर आख्या अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करेंगे।
मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद की सूचना साप्ताहिक रूप से अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करेंगे।