– मिलेट मिशन के तहत जनपद में फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे हैं विशेष प्रयास
– आजीविका समूह द्वारा तीनों विकास खंडों में 68 लाख 61 हजार से अधिक मंडुवे का किया गया है व्यवसाय
पहाड़ का सच रुद्रप्रयाग।
परियोजना प्रबंधक ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना बीके भट्ट ने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग परम्परागत खेती और फसलों के लिए अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है, जिसमें जनपद के अन्तर्गत किसान आधुनिक फसलों की खेती के साथ-साथ परम्परागत फसलों यथा-मण्डुवा, झंगोरा आदि फसलों का उत्पादन भी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य के पर्वतीय जिलों में मिलेट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने एक विषेश कार्यक्रम ‘उत्तराखंड मिलेट मिशन’’ प्रारम्भ किया। प्रदेश की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियां मिलेट्स फसलों को उगाने के लिए उपयुक्त है। ये फसलें असिंचित क्षेत्रों मे होती है, अतः इन फसलों के लिए सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। ये फसलें औषधीय एवं पोषणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होने के कारण कृषकों की आय बढ़ाने मे भी सहायक हैं। मण्डुवा फसलो का पोषणीय एवं औषधीय महत्व के बारे में बताया कि मण्डुवा में प्रोटीन धान से अधिक एवं कैल्सियम की मात्रा धान और गेहूं से क्रम शः 35 व 8 गुना अधिक होती है। साथ ही पशुओं के लिए मण्डुवा का चारा बहुत उपयोगी होता है तथा नियमित मण्डुवा सेवन से मधुमेह जैसी रोगों को काफी हद तक नियन्त्रित किया जा सकता है।
उन्होंने मिलेट मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मिलेट फसलों को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रयास/ध्यान दिये जाने की आवश्यकता एवं पर्वतीय जिलों में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा एक विशेष कार्यक्रम सरकार द्वारा मिलेट मिशन के रूप में वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक के लिए लागू किया गया है।
इसका उद्देश्य राज्य भर के छोटे और सीमांत किसानों को मिलेट्स उगाने के लिए प्रोत्साहित करना एवं उनके पोषण मे सुधार करना है। मिलेट मिशन के मुख्य उद्देश्य के बारे में बताया कि घरेलू स्तर की खपत को बढ़ावा देने, विकेन्द्रीकृत प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना, लक्षित मिलेट्स फसलों (मण्डुवा और झंगोरा) की उत्पादकता में सुधार लाना, विपणन स्वीकार्यता, लोकप्रियता और उत्पादों के प्रचार की योजना बनाना मिलेट्स को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करना, कृषक समूहों की क्षमता विकास, एफ0पी0ओ0 को प्रोत्साहन एवं सुदृढ़ीकरण आदि हैं।
उन्होंने बताया कि मिलेट मिशन योजना से इस प्रकार की व्यावसायिक योजना तैयार कर लाभ प्राप्त करने से सहकारिता/कलस्टर लेवल फेडरेशनों के सदस्य अति-उत्साहित हैं, एक तरफ जहां परम्परागत खेती को इस कार्यक्रम से नवजीवन मिला है, वहीं दूसरी ओर छोटे-छोटे समूहों को व्यवसाय करने का एक माध्यम भी है। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना की इस पहल से जहां राजकीय कार्यों और लक्ष्यों को प्राप्त किया गया है वहीं दूसरी ओर अपने सहकारिता/क्लस्टर लेवल फेडरेशनों हेतु एक नए व्यवसाय की खोज भी की गई है। भविष्य में इस प्रकार की योजनाओं से सहकारिता/क्लस्टर लेवल फेडरेशन का लाभ प्राप्त होता रहेगा।