ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 04 जनवरी 2025*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌥️ अमांत – 21 पौष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 14 पौष मास*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – पञ्चमी रात्रि 10:00 तक, तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग – सिद्धि सुबह 10:08 तक, तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅राहु काल – सुबह 09:50 से सुबह 11:06 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:14*
*⛅सूर्यास्त – 05:31*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:23 से दोपहर 01:06 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 जनवरी 05 से रात्रि 01:11 जनवरी 05 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – व्यतीपात योग (प्रातः 10:09 से प्रातः 07:32 जनवरी 05 तक)*
*⛅विशेष – पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹*
*🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🔸 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔸एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
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