ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 22 जून 2024*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️अमांत – 8 गते aashad मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 1 ज्येष्ठ मास*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र – मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग- शुक्ल शाम 04:45 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल – प्रातः 08:50 से प्रातः 10:34 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:17*
*⛅सूर्यास्त – 07:22*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 23 से रात्रि 01:03 जून 23 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – पूर्णिमा मुख्य दान, संत कबीर जयंती, गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती*
*⛅विशेष – प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹गुलाब चूर्ण🌹*
*🔹यह विटामिन ‘ए’ व ‘सी’ तथा कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज आदि पोषक तत्त्वों स भरपूर है ।*
*🔹इससे नियमित मंजन करने से दाँत एवं मसूड़े मजबूत होते हैं । यह मुँह की दुर्गंध, दाँतों का हिलना, दाँतों का दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों की सूजन आदि दंत-रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹इसके सेवन से यकृत (liver), आमाशय एवं हृदय को बल मिलता है । बढ़ती उम्र के कारण त्वचा पर आनेवाली झुर्रियाँ कम होकर त्वचा में निखार आता है ।*
*जोड़ों के दर्द एवं सूजन, मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, आमाशय व्रण (peptic ulcer), दस्त, रक्तस्राव आदि रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹अधिक पसीना व शरीर से दुर्गंध आने पर इसके चूर्ण से मलकर स्नान करें ।*
*🔹इसका धूप करने से वातावरण में ताजगी, पवित्रता एवं मस्तिष्क में स्फूर्ति का संचार होता है।*
*🌹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*
*🔹 ‘ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं – ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी । जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी ।’ ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*🔹जो लोग शनिवार को क्षौर कर्म कराते हैं उनके आयुष्य क्षीण होता है, अकाल मृत्यु अथवा दुर्घटना का भय रहेगा।*