ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक -20 अप्रैल 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार – 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 6 गते वैशाख मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 31 फाल्गुन मास*
🌤️ *मास – चैत्र*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वादशी रात्रि 10:41 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी दोपहर 02:04 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
🌤️ *योग – ध्रुव 21 अप्रैल रात्रि 02:48 तक तत्पश्चात व्याघात*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:02 से सुबह 10:39 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:45*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:48*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्री वामन द्वादशी,मदन द्वादशी*
💥 *विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 21 अप्रैल, रविवार को सोमप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *अंनग त्रयोदशी* 🌷
🙏🏻 *21 अप्रैल 2024 रविवार को अंनग त्रयोदशी के दिन व्रत करने से दाम्पत्य – प्रेम में वृद्धि होती है तथा पति – पुत्रादि का अखंड सुख प्राप्त होता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *हनुमानजी प्रणाम मंत्र* 🌷
➡ *23 अप्रैल 2024 मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव है ।*
🙏🏻 *मैं जब भी कभी हनुमानजी की मूर्ति के सामने खड़ा होता हूँ तो यही बोलता हूं -*
🌷 *सुमिरि पवनसुत पावन नाम , अपने वश करि राखे राम ।*
🙏🏻 *हे हनुमानजी, आपने रामनाम का ऐसा तो सुमिरन किया कि रामजी को ही आपने अपने वश में कर लिया ।*
🌳 *आप भी कभी जाओ तो ये बोलना क्योंकि हनुमानजी को जप बहुत अच्छा लगता है । हनुमानजी के आगे कोई*
🙏🏻 *सिंदूर और चोला न चढ़ाये, नारियल न रखें तो हनुमानजी नाराज नहीं होंगे पर ये बोल दे कि हनुमानजी आपको भगवान का नाम कितना प्यारा लगता है ।*
🌷 *सुमिरि पवनसुत पावन नाम , अपने वश करि राखे राम । हनुमानजी राजी होंगे ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *हनुमान जन्मोत्सव – दीप दान महिमा* 🌷
🙏🏻 *गेहूँ, तिल, उड़द, मूंग और चावल.. इन पाँचों के आटे से मिलाकर दिया बनाया जाये और वो जलाकर हनुमानजी के नाम से मंदिर में, पीपल या बड के पेड़ या घर में ही रखा जाये तो बड़ा शुभ माना जाता है |*
🌷 *इससे मनोरथो की सिद्धि होती है|* 🌷
🙏🏻 *भक्ति बढ़ाने की भावना से हनुमानजी की राम भक्ति सच्ची है तो मेरी भी मेरे अराध्य के चरणों में, मेरे सद्गुरु के चरणों में मेरी भक्ति सच्ची हो, दृढ हो | मेरा जीवन उपासनामय हो | मैं इच्छानिवृति का रास्ता कभी न छोडू, मैं गुरु की उपासना का रास्ता कभी न छोडू | मेरी भक्ति में दृढ़ता है इसलिए हनुमानजी की जयंती को हनुमान के नाम से पाँच अन्न का आटा मिलाकर अगर दीपक बनाया जाये और हनुमानजी के नाम से जलाया जाय तो बड़ा शुभ माना जाता है | सरसों का तेल के और घी का भी दिया कर सकते हैं |*
💥 *23 अप्रैल 2024 मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव ।*
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