ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 22 सितम्बर 2024*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅ अमांत – 7 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 1 आश्विन मास*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – पंचमी दोपहर 03:43 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – कृत्तिका रात्रि 11:02 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग – हर्षण प्रातः 08:18 तक, तत्पश्चात वज्र प्रातः 05:28 सितम्बर 23 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल – शाम 04:39 से 06:09 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:06*
*⛅सूर्यास्त – 06:14*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:41 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:08 से दोपहर 12:56 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:08 सितम्बर 23 से रात्रि 12:56 सितम्बर 23 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – पंचमी श्राद्ध, रवि योग (रात्रि 11:02 से प्रातः 06:29 सितम्बर 23 तक)*
*⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹इलायची🔹*
*🔹इलायची औषधीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण है । यह दो प्रकार की होती है – छोटी व बड़ी ।*
*🔹छोटी इलायची : यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है । इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास ( दमा ) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है ।*
*🔹औषधीय प्रयोग🔹*
👉🏻 *अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है ।*
👉🏻 *धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मिचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें ।*
👉🏻 *१ कप पानी में १ ग्राम इलायची चूर्ण डाल के ५ मिनट तक उबालें । इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें । २ – २ चम्मच यह पानी २ – २ घंटे के अंतर से लेने से जी – मिचलाना, उबकाई आना, उलटी आदि में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें । चुटकीभर चूर्ण को १ -१ घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है । कफ पिघलकर निकल जाता है ।*
👉🏻 *रात को भिगोये २ बादाम सुबह छिलके उतारकर घिस लें । इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, १ चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है ।*
👉🏻 *आधा से १ ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से दाह, पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है ।*
👉🏻 *आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और १-२ ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित १ इलायची को आग में जलाकर राख कर लें । इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है ।*
👉🏻 *१ ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है ।*
*सावधानी : रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती है । इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔸 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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