ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞* ~ वैदिक पंचांग ~ *🌞
🌤️ *दिनांक – 18 मई 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 5 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 28 चैत्र मास*
🌤️ *मास – वैशाख*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – दशमी सुबह 11:22 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तरफालगुनी रात्रि 12:23 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग – हर्षण सुबह 10:25 तक तत्पश्चात वज्र*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:50 से सुबह 10:32 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:22*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:06*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡️ *18 मई 2024 शनिवार को सुबह 11:22 से 19 मई, रविवार को दोपहर 01:50 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 19 मई, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें 👉🏻 …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏