ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 07 जनवरी 2025*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌥️ अमांत – 24 गते पौष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 17 पौष मास*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – अष्टमी शाम 04:26 तक, तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र – रेवती शाम 05:50 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग – शिव रात्रि 11:16 तक, तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल – दोपहर 03:28 से 04 :12 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:14*
*⛅सूर्यास्त – 05:34*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:24 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:20 जनवरी 08 से रात्रि 01:13 जनवरी 08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – मासिक दुर्गाष्टमी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (शाम 05:50 से प्रातः 07:22 जनवरी 08 तक)*
*⛅विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा*
*🔸५] बैठने – चलने का सही ढंग : गलत ढंग से बैठने, खड़े होने या चलने से हमारी कार्यक्षमता व जीवनीशक्ति की हानि होती है । अत: इस संदर्भ में कुछ बातों का ध्यान रखें :*
*👉 दोनों नितम्ब बैठनेवाले स्थान पर समानरूप से रखने चाहिए ।*
*👉 रीढ़ की हड्डी अपने प्राकृतिक झुकावोंसहित सीधी रहनी चाहिए । इससे शरीर की सभी नस-नाड़ियाँ, जो शरीर के सभी भागों को शक्ति देती हैं, वे अच्छी तरह से कार्य करती है । मेरुदंड सीधा नहीं रखने से इन नाड़ियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है । इसका बुरा प्रभाव शरीर के अन्य अंगो पर पड़ता है और वे सामान्यरूप से कार्य नहीं करते हैं । जब शरीर सीधा रखा जाता है तो छाती उभरी रहती है । इसके गोलाकार और फैले रहने से ह्रदय और फेफड़ों के के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है, जिससे वे अपनी पूरी कार्यक्षमता से कार्य कर पाते हैं ।*
*👉 सिर को ऐसी सीधी स्थिति में रखना चाहिए कि गर्दन के आगे और पीछे के भाग की मांसपेशियाँ दबाव या तनाव रहित रहें।