
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 20 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 5 गते पौष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 29 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र – अनुसार मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अमावस्या सुबह 07:12 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – मूल 21 दिसंबर रात्रि 01:21 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
🌤️ *योग – गण्ड शाम 04:17 तक तत्पश्चात वृद्धि*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:43 से सुबह 10:59 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:08*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:21*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
विभिन्न वृक्षों की पूजा से अलग-अलग लाभ मिलते हैं, जैसे पीपल (विष्णु, मोक्ष), बरगद (शिव, स्वास्थ्य, समृद्धि), तुलसी (लक्ष्मी, सुख-शांति), शमी (शनि दोष मुक्ति, नकारात्मक ऊर्जा नाश), बेल (शिव कृपा, पाप मुक्ति), और आंवला (उत्तम स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि) की पूजा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, धन-धान्य, स्वास्थ्य, सुख-शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है, तथा पितृ दोष भी शांत होते हैं।
🔹 शनिवार को पीपल के पेड़ के उपाय ::
शनि दोष और नकारात्मकता दूर करने के लिए:
सुबह: स्नान के बाद, पीपल की जड़ में जल, कच्चा दूध और थोड़े काले तिल मिलाकर चढ़ाएं, फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
दोनों हाथों से स्पर्श: पीपल के पेड़ को दोनों हाथों से छूते हुए 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें, जिससे सभी बाधाएं दूर होती हैं।
शाम को दीपक: सूर्यास्त के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, यह शनिदेव की कृपा दिलाता है और धन-समृद्धि लाता है।
पितृ दोष और पारिवारिक शांति के लिए:
शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाकर पितरों का स्मरण और पूजा करें, इससे पितृ दोष शांत होता है और परिवार में सुख-शांति आती है।
धन और व्यापार में वृद्धि के लिए:
पीपल के पत्ते: हर शनिवार एक पीपल का पत्ता लें, उस पर चंदन से स्वास्तिक बनाकर अपने व्यापार स्थल पर रखें। सात शनिवार बाद उन पत्तों को इकट्ठा करके विसर्जित कर दें।
संकट मुक्ति के लिए:
पीपल के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से बड़ी से बड़ी विपदा टल जाती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
पीपल की पूजा हमेशा स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर करें।
दोपहर में या रात 9 बजे के बाद पीपल के पास दीपक न जलाएं।
शनिवार को पीपल की परिक्रमा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
पीपल के वृक्ष पर जल सूर्योदय के बाद ही चढ़ाना चाहीए। जिससे आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि सदा बनी रहे। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करता है उसकी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही शत्रुओं का नाश भी होता है।
शेष कल:::::::
