
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 17 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र – मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – त्रयोदशी 18 दिसंबर रात्रि 02:32 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा शाम 05:11 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – सुकर्मा दोपहर 02:17 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:35 से दोपहर 01:56 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:10*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:59*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत*
💥 *विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है । घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि* 🌷
👉🏻 *18 दिसम्बर 2025 गुरुवार को मासिक शिवरात्रि है।*
🙏🏻 :🌹 शास्त्रीय संकेत
> “ब्रह्मे मुहूर्ते उत्तिष्ठेत्, स्वस्थो रक्षार्थमायुषः।”
(धर्मशास्त्र)
अर्थ:
मनुष्य को ब्रह्ममुहूर्त में अवश्य उठना चाहिए, क्योंकि यह समय स्वास्थ्य, आयु, बुद्धि और आत्मिक उन्नति की रक्षा करने वाला होता है।
ब्रह्ममुहूर्त में उठना क्यों शुभ माना जाता है?
ब्रह्ममुहूर्त सामान्यतः सूर्योदय से लगभग 1 घंटा 36 मिनट पहले होता है। इसे शास्त्रों और आयुर्वेद दोनों में अत्यंत शुभ माना गया है, इसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं।
!!!! आध्यात्मिक कारण
1. सत्त्व गुण की प्रधानता
इस समय वातावरण में शांति, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा होती है। मन स्वाभाविक रूप से शांत और एकाग्र रहता है।
2. ईश्वर से जुड़ने का श्रेष्ठ समय
ध्यान, जप, पूजा और आत्मचिंतन के लिए यह सर्वोत्तम समय माना गया है। कहा जाता है कि इस समय किया गया साधना फल जल्दी देती है।
3. अहंकार व आलस्य कम होता है
ब्रह्ममुहूर्त में उठने से मन निर्मल रहता है और नकारात्मक विचारों का प्रभाव कम होता है।
4. बुद्धि और विवेक का विकास
शास्त्रों के अनुसार इस समय पढ़ाई, वेद-पाठ या आत्मज्ञान का अभ्यास करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
::: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य कारण
1. ऑक्सीजन अधिक शुद्ध होती है
सूर्योदय से पहले वायु में प्रदूषण कम होता है, जिससे प्राणवायु अधिक मिलती है।
2. हॉर्मोन संतुलन बेहतर होता है
इस समय उठने से मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन संतुलित रहते हैं, जिससे तनाव कम होता है।
3. पाचन और ऊर्जा में सुधार
सुबह जल्दी उठने वालों का पाचन तंत्र बेहतर रहता है और दिन भर स्फूर्ति बनी रहती है।
4. नींद की गुणवत्ता सुधरती है
जल्दी उठने की आदत से रात की नींद गहरी और प्राकृतिक हो जाती है।
अतः:
ब्रह्ममुहूर्त में उठना
✔ मन को शांत करता है
✔ बुद्धि तेज करता है
✔ स्वास्थ्य सुधारता है
✔ आध्यात्मिक उन्नति का द्वार खोलता है
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*
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