
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 12 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 29 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 21 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र)मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अष्टमी दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 13 दिसंबर प्रातः 05:50 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग – प्रीति सुबह 11:12 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:55 से दोपहर 12:11 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:03*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:18*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण ब्रह्म खण्ड: 27,29,34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *कार्य सिद्धि के लिए* 🌷
*“ॐ गं गणपतये नमः”*
🙏🏻 *हर कार्य शुरु करने से पहले इस मंत्र का 108 बार जप करें, कार्य सिद्ध होगा ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞तिलक लगाने में कौन-सी उंगली का प्रयोग क्यों?
हिन्दू शास्त्रों में तिलक केवल एक चिन्ह नहीं, बल्कि ऊर्जा, आशीष और ग्रहों का संतुलन माना गया है। प्रत्येक उंगली एक ग्रह व ऊर्जा-चक्र से जुड़ी है। अतः तिलक का प्रभाव उंगली के चयन से बदल जाता है।
1) अनामिका (Ring Finger) – सूर्य एवं शांति की उंगली
संबंधित ग्रह: सूर्य
संबंधित तत्त्व: जल
आध्यात्मिक प्रभाव: आज्ञा चक्र (Third Eye) सक्रिय करता है
उपयोग:
देवी-देवताओं को तिलक
गुरु जनों को तिलक
स्वयं को तिलक (पूजा के बाद)
लाभ:
मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है
बुद्धि, विवेक और आत्मविश्वास का विकास
नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
ध्यान व एकाग्रता में वृद्धि
:!:! रामायण और पुराणों में अनामिका से तिलक को “शांतिदायक” कहा गया है।
2) मध्यमा (Middle Finger) – शनि एवं स्थिरता की उंगली
संबंधित ग्रह: शनि
संबंधित तत्त्व: आकाश
उपयोग:
पूजा के बाद स्वयं को तिलक
लाभ:
मन शांत होता है
क्रोध, चंचलता और मानसिक तनाव में कमी
कर्मों में स्थिरता और संतुलन
:: योग शास्त्र में मध्यमा उंगली को “आंतरिक शुद्धि” की उंगली कहा गया है।
3) तर्जनी (Index Finger) – गुरु, धर्म और पितृ उंगली
संबंधित ग्रह: गुरु
संबंधित तत्त्व: वायु
उपयो
मृत व्यक्तियों को तिलक
पितृ कार्यों, तर्पण, श्राद्ध आदि में उपयोग
मोक्ष संबंधित कर्म
लाभ:
पितरों को शांति
आत्मा को मोक्ष मार्ग की प्रेरणा
परिवार में आध्यात्मिक संतुलन
तर्जनी को “निर्देशन” की उंगली कहा जाता है, इसलिए जीवितों को इस उंगली से तिलक नहीं लगाया जाता।
4) अंगूठा (Thumb) – शुक्र, यश व वैभव की उंगली
संबंधित ग्रह: शुक्र
संबंधित तत्त्व: अग्नि
उपयोग:
भाइयों, पुत्रों, मित्रों, अतिथियों को तिलक
सम्मान, आशीर्वाद और शुभ कार्यों में उपयोग
लाभ:
यश, सम्मान, सफलता
धन और वैभव में वृद्धि
संबंधों में मधुरता
स्वास्थ्य में सुधार
राजा-महाराजा और सेनापति पहले अंगूठे से ही तिलक ग्रहण करते थे।
5) कनिष्ठा (Little Finger) – वर्जित उंगली
संबंधित ग्रह: बुध
संबंधित तत्त्व: पृथ्वी
उपयोग:
शुभ कार्यों में वर्जित
कारण:
यह उंगली स्थिर ऊर्जा प्रदान नहीं करती
इससे लगाया गया तिलक प्रभावहीन माना जाता है
पुराणों में इसे “अशुभ कर्म” की उंगली कहा गया है।
तिलक का रंग और उसका प्रभाव (New Addition)
तिलक अलग-अलग रंगों में होता है, और हर रंग का आध्यात्मिक महत्व है:
🔴 कुंकुम / रोली (शक्ति का तिलक):
ऊर्जा, साहस, देवी कृपा
हल्दी / केसर (सौभाग्य का तिलक):
समृद्धि, मंगल, बुद्धि
चंदन (शांति का तिलक):
मन की ठंडक, पवित्रता, ध्यान
भस्म / रुद्र तिलक:
निष्ठा, त्याग, तपस्या, निडरता, शिव शक्ति
संक्षिप्त सार (बहुत सुंदर रूप में):
स्वयं – अनामिका या मध्यमा
दूसरों को – अंगूठा
पितृ कार्य में – तर्जनी
वर्जित – कनिष्ठा
तिलक का रंग – मन और ऊर्जा के अनुसार चुनें
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*🌞
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