
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 09 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 26 मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 18 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र)मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – पंचमी दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – अश्लेशा 10 दिसंबर रात्रि 02:22 तक तत्पश्चात मघा*
🌤️ *योग – इन्द्र दोपहर 02:33 तक तत्पश्चात वैधृति*
🌤️ *राहुकाल – शाम 02:41 से शाम 03:57 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 07:00*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:17*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *तुलसी महिमा* 🌷
➡ *25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस है ।*
🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |*
🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*
🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*
🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*
🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*
🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*
🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता है |*
🙏🏻 *पद्मपुराण (ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१४ से )*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *घर में सुख-शांति के लिए* 🌷
🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *तुलसी मंत्र* 🌷
🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*
*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
👉🏻 *इस मंत्र का अर्थ है*
🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
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