
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 20 नवम्बर 2025*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 5 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 29 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अमावस्या दोपहर 12:16 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा सुबह 10:58 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – शोभन सुबह 09:53 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:20 से शाम 03:38 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:46*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:19*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- मार्गशीर्ष अमावस्या*
💥 *विशेष – अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *आर्थिक परेशानी रहती हो तो* 🌷
🏡 *जिनके घर में हमेशा पैसो का अभाव रहता है , गरीबी रहती है – वराह पुराण में बताया है कि मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (21 नवम्बर 2025 शुक्रवार को) सुबह जल्दी भगवान विष्णु के कुछ नाम जप करें …. दीप आदि जला कर और मानसिक पूजन करें :*
🌷 *ॐ वैश्वा नराय नमः*
🌷 *ॐ अग्नये नमः*
🌷 *ॐ हवीर भुजे नमः*
🌷 *ॐ द्रवीणोदाय नमः* श्री
🌷 *ॐ समवरताय नमः*
🌷 *ॐ ज्वलनाय नमः*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
🌷 *सर्दियों में ख़ास गोमूत्र पान* 🌷
💪🏻 *शरीर की पुष्टि के साथ शुद्धि भी आवश्यक है | गोमूत्र शरीर के सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म स्त्रोतों में स्थित विकृत दोष को मल–मुत्रादि के द्वारा बाहर निकाल देता है | इसमें स्थित कार्बोलिक एसिड कीटाणुओं व हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है | इससे रोगों का समूल उच्चाटन करने में सहायता मिलती है | गोमूत्र में निहित स्वर्णक्षार रसायन का कार्य करते है | अत: गोमूत्र के द्वारा शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य पूर्ण होते है |*
🍺 *सेवन विधि : प्रात: २५ से ४० मि.ली. (बच्चों को १०–१५ मि.ली.) गोमूत्र कपडे से सात बार छानकर पियें | इसके बाद २–३ घंटे तक कुछ न लें | ताम्रवर्णी गाय अथवा बछड़ी का मूत्र सर्वोत्तम माना गया है |*
💥 *विशेष : सुबह गोमूत्र में १०–१५ मि.ली. गिलोय का रस (अथवा २–३ ग्राम चूर्ण) मिलाकर पीना उत्कृष्ट रसायन है |*
🐄 *ताजा गोमूत्र न मिलने पर गोझरण अर्क का प्रयोग करें | १०–१२ मि.ली. (बच्चों को ५–१० मि.ली.) गोझरण अर्क में पानी मिलाकर लें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
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