
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 19 नवम्बर 2025*
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
⛅ *अमांत – 4 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 28 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी सुबह 09:43 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र – स्वाती सुबह 07:59 तक तत्पश्चात विशाखा*
🌤️ *योग – सौभाग्य सुबह 09:01 तक तत्पश्चात शोभन*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:02 से दोपहर 01:20 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:41*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:19*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- दर्श अमावस्या*
💥 *विशेष – चतुर्दशी व अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *ससुराल में तकलीफ़ हो तो* 🌷
👩🏻 *सुहागन देवियाँ को अगर ससुराल में बहुत कष्ट है …. अपनी शुभ मनोकामनाएं पूरी न होने की पीड़ा है उनके लिए महर्षि अंगीरा के बताये अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या) ( इस 20 नवम्बर 2025 गुरुवार को ) माँ पार्वती का स्मरण करते हुए उनको मन ही मन प्रणाम करें …. ” हे माँ मैं अपने घर में सुख … शांति … और समृद्धि की वृद्धि हेतु ये व्रत कर रही हूँ “… सुबह ये संकल्प करें और ११ मंत्र से माँ पार्वती को प्रणाम करें ….*
🌷 *ॐ पार्वतये नमः*
🌷 *ॐ हेमवत्ये नमः*
🌷 *ॐ अम्बिकाय नमः*
🌷 *ॐ गिरीश वल्लभाय नमः*
🌷 *ॐ गंभीर नाभ्ये नमः*
🌷 *ॐ अपर्नाये नमः*
🌷 *ॐ महादेव्यै नमः*
🌷 *ॐ कंठ गामिन्ये नमः*
🌷 *ॐ क्षण मुखाये नमः*
🌷 *ॐ लोक मोहिन्ये नमः*
🌷 *ॐ मेनका कुक्षी रत्नाये नमः*
🙏🏻 *फिर भगवान गणपतिजी और कार्तिक स्वामी को मन ही मन प्रणाम कर दें … हो सके तो ८ बत्ती वाला दीपक जलाएं …. और रात भर वो दीपक जलता रहे सुबह भले विसर्जन हो जाए ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *समृद्धि बढ़ाने के लिए* 🌷
🌙 *कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
🙏🏻 *दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *खेती के काम में ये सावधानी रहे* 🌷
🚜 *ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*
🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞
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