ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 दिसम्बर 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌥️ *अमांत – 15 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌥️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 पौष मास*
🌤️ *मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अमावस्या 31 दिसंबर प्रातः 03:56 तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – मूल रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
🌤️ *योग – वृद्धि रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:32 से सुबह 09:48 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:13*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:28*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,पौष अमावस्या,सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से 31 दिसम्बर प्रातः 03:56 तक)*
💥 *विशेष- अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण* 🌷
➡️ *30 दिसम्बर 2024 सोमवार को सूर्योदय से 31 दिसम्बर, प्रातः 03:56 तक सोमवती अमावस्या है।*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है।*
😌 *इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।*
🌳 *इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।*
🌿 *इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *ग़रीबी – दरिद्रता मिटाने के लिए* 🌷
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार अगर तुलसी की परिक्रमा करते हो, ॐकार का थोड़ा जप करते हो, सूर्य नारायण को अर्घ्य देते हो; यह सब साथ में करो तो अच्छा है, नहीं तो खाली तुलसी को 108 बार प्रदक्षिणा करने से तुम्हारे घर से दरिद्रता भाग जाएगी |*