
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 02 नवम्बर 2025*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅ अमांत – 17 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 11 कार्तिक मास*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – एकादशी सुबह 07:31 तक, तत्पश्चात् द्वादशी प्रातः 05:07 नवंबर 03 तक, तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद शाम 05:03 तक तत्पश्चात् उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग – व्याघात रात्रि 11:11 तक तत्पश्चात् हर्षण*
*⛅राहुकाल – शाम 04:04 से शाम 05:25 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:30*
*⛅सूर्यास्त – 05:31*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से प्रातः 05:42 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:48 से दोपहर 12:33*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:45 से रात्रि 12:36 नवम्बर 03 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – त्रिस्पृशा देवउठी एकादशी, योगेश्वर द्वादशी, चतुर्मास समाप्त, तुलसी विवाह (नवम्बर 02 से नवम्बर 05 तक), त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग (शाम 05:03 से प्रातः 06:33 नवम्बर 03 तक)*
*🌥️विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*
*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – का सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए ।आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाएं । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
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