

ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 23 अक्टूबर 2025*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ऋतु*
⛅ *अमांत – 7 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 1 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – कार्तिक*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वितीया रात्रि 10:46 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा 24 अक्टूबर प्रातः4:51 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – आयुष्मान 24 अक्टूबर प्रातः 05:00 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:24 से शाम 02:47 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:24*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:38*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – भाईदूज यम द्वितीया,चंद्र-दर्शन (शाम 05:55 से शाम 06:48 तक), हेमंत ऋतु प्रारंभ*
💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *हेमंत ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा*
➡️ *हेमंत ऋतु : 23 अक्टूबर से हेमंत ऋतु प्रारम्भ*
👉🏻 *यह ऋतु विसर्गकाल अर्थात् दक्षिणायन का अन्तकाल कहलाती है । इस काल में चन्द्रमा की शक्ति सूर्य की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती है इसलिये इस ऋतु में औषधियाँ, वृक्ष, पृथ्वी व* 👉🏻 *जीव-जन्तुओं की पौष्टिकता में भरपूर वृद्धि होती है । शीत ऋतु में शरीर में कफ का संचार होता है तथा पित्तदोष का नाश होता है ।*
👉🏻 *शीत ऋतु में जठराग्नि अत्यधिक प्रबल रहती है अतः इस समय लिया गया पौष्टिक और बलवर्धक आहार वर्ष भर शरीर को तेज, बल और पुष्टता प्रदान करता है । इस ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत की तन्दुरुस्ती के लिये किस प्रकार का आहार लेना चाहिए ? शरीररक्षण कैसे हो ? आइये, हम उसे जानें :*
👉🏻 *शीत ऋतु के इस काल में खट्टा, खारा तथा मधुर रसप्रधान आहार लेना चाहिए ।*
👉🏻 *पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरिष्ठ एवं घी से बने पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए ।*
👉🏻 *इस ऋतु में सेवन किये हुए खाद्य पदार्थों से ही वर्ष भर शरीर की स्वस्थता की रक्षा का भंडार एकत्रित होता है । अतः उड़दपाक, सोंठपाक जैसे बाजीकारक पदार्थों अथवा च्यवनप्राश आदि का उपयोग करना चाहिए ।*
👉🏻 *जो पदार्थ पचने में भारी होने के साथ-साथ गरम व स्निग्ध प्रकृति के होते हैं, ऐसे पदार्थ लेने चाहिए ।*
👉🏻 *दूध, घी, मक्खन, गुड़, खजूर, तिल, खोपरा, सूखा मेवा तथा चरबी बढ़ानेवाले अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन करने योग्य माने जाते हैं ।*
👉🏻 *इन दिनों में ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए बल्कि थोड़ा गर्म एवं घी-तेल की प्रधानतावाला भोजन करना चाहिए ।*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
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