
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 18 सितम्बर 2025*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 2 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 27 भाद्रपद मास*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – द्वादशी रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – पुष्य प्रातः 06:32 तक तत्पश्चात् अश्लेशा*
*⛅योग – शिव रात्रि 09:37 तक तत्पश्चात् सिद्ध*
*⛅राहुकाल – दोपहर 01:42 से दोपहर 03:13 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:02*
*⛅सूर्यास्त – 06:20*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:40 से प्रातः 05:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:56 से दोपहर 12:45 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:57 से रात्रि 12:45 सितम्बर 19 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण- द्वादशी का श्राद्ध, गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थ सिद्धियोग (सूर्योदय से प्रातः 06:32 तक)*
*🌥️विशेष – द्वादशी को पुतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹दीपक की दिशा🔹*
*🔸दीपक अपने से दक्षिण दिशा की तरफ रखने से प्राण हानि होती है ।*
*🔸 दीपक अपने से नैऋत्य दिशा की तरफ रखने से विस्मृति कारक उर्जा बनती है ।*
*🔸 दीपक अपने से पश्चिम दिशा की तरफ रखने से शांतिदायक होता है ।*
*🔸 दीपक अपने से वायव्य दिशा की तरफ रखने से सम्पत्तिनाशक होता है ।*
*🔸दीपक अपने से उत्तर दिशा की तरफ रखने से स्वास्थ्य व धन प्रदायक होता है ।*
*🔸 दीपक अपने से ईशान कोण दिशा की तरफ रखने से कल्याणकारक होता है ।*
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