

ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 05 सितम्बर 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 20 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 14 भाद्रपद मास*
*⛅मास – भाद्रपद*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – त्रयोदशी रात्रि 03:12 सितम्बर 06 तक तत्पश्चात् चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र – श्रवण रात्रि 11:38 तक तत्पश्चात् धनिष्ठा*
*⛅योग – शोभन दोपहर 01:53 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहुकाल – सुबह 10:41 से दोपहर 12:15 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:55*
*⛅सूर्यास्त – 06:36*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से प्रातः 05:37 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:13 से दोपहर 01:03*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:15 सितम्बर 06 से रात्रि 01:01 सितम्बर 06 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – ओणम, शिक्षक दिवस, प्रदोष व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:23 से रात्रि 11:38 तक)*
*⛅️विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹तुलसी द्वारा सद्गति🔹*
*🔸जिसकी मृत्यु के समय श्रीहरि का कीर्तन और स्मरण हो तथा तुलसी की लकड़ी से जिसके शरीर का दाह किया जाय, उसका पुनर्जन्म नहीं होता । जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है । जो मृत पुरुष के सम्पूर्ण अंगों में तुलसी का काष्ठ देने के बाद उसका दाह-संस्कार करता है, वह भी पाप से मुक्त हो जाता है । (पद्म पुराण)*
*🔸मुख में, पेट एवं सिर पर यथायोग्य तुलसी – लकड़ी का उपयोग करें ।*
*🔸अग्निसंस्कार में तुलसी की लकड़ी का प्रयोग करने से मृतक की सदगति सुनिश्चित है ।*
*🔹तुलसी के औषधीय गुण 🔹*
*🔸इसके सेवन से विटामिन ʹएʹ तथा ʹसीʹ की कमी दूर हो जाती है । खसरा निवारण के लिए यह रामबाण इलाज है ।*
*🔸किसी भी प्रकार के विषविकार में तुलसी का स्वरस यथेष्ट मात्रा में पीना चाहिए ।*
*🔸20 तुलसी पत्र एवं 10 कालीमिर्च एक साथ पीसकर हर आधे से दो घंटे के अंतर से बार-बार पिलाने से सर्पविष उतर जाता है । तुलसी का रस लगाने से जहरीले कीड़े, ततैया, मच्छर का विष उतर जाता है ।*
*🔸तुलसी के स्वरस का पान करने से प्रसव-वेदना कम होती है ।*
*🔸स्वप्नदोष : 10 ग्राम तुलसी के बीज मिट्टी के पात्र में रात को पानी में भिगो दें व सुबह सेवन करें। इससे लाभ होता है ।*
*🔸तुलसी के बीजों को कूटकर व गुड़ में मिलाकर मटर के बराबर गोलियाँ बना लें । प्रतिदिन सुबह शाम दो-दो गोली खाकर ऊपर से गाय का दूध पीने से नपुंसकत्व दूर होता है, वीर्य में वृद्धि होती है, नसों में शक्ति आती है, पाचन शक्ति में सुधार होता है । हर प्रकार से हताश पुरुष भी सशक्त बन जाता है ।*
*🔸जल जाने पर : तुलसी के स्वरस व नारियल के तेल को उबालकर, ठण्डा होने पर जले भाग पर लगायें । इससे जलन शांत होती है तथा फफोले व घाव शीघ्र मिट जाते हैं ।*
*🔸विद्युत का झटका : विद्युत के तार का स्पर्श हो जाने या वर्षा ऋतु में बिजली गिरने के कारण यदि झटका लगा हो तो रोगी के चेहरे और माथे पर तुलसी का स्वरस मलें । इससे रोगी की मूर्च्छा दूर हो जाती है ।*
*🔸जलशुद्धि : दूषित जल की शुद्धि के लिए जल में तुलसी की हरी पत्तियाँ डालें । इससे जल शुद्ध व पवित्र हो जाएगा ।*
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