

ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 01 सितम्बर 2025*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 16 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 10 भाद्रपद मास*
*⛅मास – भाद्रपद*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – नवमी रात्रि 02:43 सितम्बर 02 तक तत्पश्चात् दशमी*
*⛅नक्षत्र – ज्येष्ठा शाम 07:55 तक तत्पश्चात् मूल*
*⛅योग – विष्कम्भ शाम 04:32 तक तत्पश्चात् प्रीति*
*⛅राहुकाल – सुबह 07:33 से सुबह 09:07 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:52*
*⛅सूर्यास्त – 06:39*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से प्रातः 05:36 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:05 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:17 सितम्बर 02 से रात्रि 01:02 सितम्बर 02 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – ज्येष्ठ गौरी पूजा*
*⛅️विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹इलायची🔹*
*🔹इलायची औषधीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण है । यह दो प्रकार की होती है – छोटी व बड़ी ।*
*🔹छोटी इलायची : यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है । इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास ( दमा ) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है ।*
*🔹औषधीय प्रयोग🔹*
👉🏻 *अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है ।*
👉🏻 *धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मिचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें ।*
👉🏻 *१ कप पानी में १ ग्राम इलायची चूर्ण डाल के ५ मिनट तक उबालें । इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें । २ – २ चम्मच यह पानी २ – २ घंटे के अंतर से लेने से जी – मिचलाना, उबकाई आना, उलटी आदि में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें । चुटकीभर चूर्ण को १ -१ घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है । कफ पिघलकर निकल जाता है ।*
👉🏻 *रात को भिगोये २ बादाम सुबह छिलके उतारकर घिस लें । इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, १ चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है ।*
👉🏻 *आधा से १ ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से दाह, पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है ।*
👉🏻 *आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और १-२ ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित १ इलायची को आग में जलाकर राख कर लें । इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है ।*
👉🏻 *१ ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है ।*
*सावधानी : रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती है । इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है ।*
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