
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 07 अगस्त 2025*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ऋतु*
⛈️ *अमांत – 23 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
⛈️ *राष्ट्रीय तिथि – 16 श्रावण मास*
🌤️ *मास – श्रावण*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – त्रयोदशी दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वाषाढा दोपहर 02:01 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
🌤️ *योग – विष्कंभ सुबह 06:43 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 02:02 से शाम 03:42 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 05:38*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:07*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -*
💥 *विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)*
💥 *चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *रक्षाबंधन के पर्व पर दस प्रकार का स्नान*
🙏🏻 *श्रावण महिने में रक्षाबंधन की पूर्णिमा 09 अगस्त 2025 शनिवार वाले दिन वेदों में दस प्रकार का स्नान बताया गया है |*
👉🏻 *गतांक से आगे….*
5⃣ *गोरज स्नान – गायों के पैरों की मिट्टी थोड़ी ले ली, और वो लगा ली | गवां ख़ुरेंम ये वेद में आता है इसका नाम है दशविद स्नान | रक्षाबंधन के दिन किया जाता है | गवां ख़ुरेंम निर्धुतं यद रेनू गग्नेगतं | सिरसा तेल सम्येते महापातक नाशनं || अपने सिर पर वो गाय की खुर की मिट्टी लगा दी तो महापातक नाशनं | ये वेद भगवान कहते हैं |*
6⃣ *धान्यस्नान – जो हमारे गुरुदेव सप्तधान्य स्नान की बात बताते हैं | वो सब आश्रमों में मिलता है | गेंहूँ, चावल, जौ, चना, तिल, उड़द और मुंग ये सात चीजे | ये धान्यस्नान बताया | धान्योषौधि मनुष्याणां जीवनं परमं स्मरतं तेन स्नानेन देवेश मम पापं व्यपोहतु | सप्तधान स्नान ये भी पूनम के दिन लगाने का विधान है |*
7⃣ *फल स्नान – वेद भगवान कहते हैं फल स्नान मतलब कोई भी फल का थोडा रस लगा दिया | और कोई नहीं तो आँवला बढियाँ फल है | आँवला हरा तो मिलेगा नहीं तो थोडा आँवले का पाऊडर ले लिया और लगा दिया गया हो फल स्नान | मतलब हमारे जीवन में अनंत फल की प्राप्ति हो और सांसारिक फल की आसक्ति छूट जाय | इसलिए आज पूर्णिमा को हे भगवान फल के रस से थोडा स्नान कर रहें हैं | किसी को और फल मिल जाये और थोडा लगा दिये जाय तो कोई घाटा नहीं हैं |*
8⃣ *सर्वोषौधि स्नान – सर्वोषौधि माना आयुर्वेदिक औषधि खाना नहीं | इस स्नान में कई जड़ी बूटी आती हैं | उसमे दूर्वा, सरसों, हल्दी, बेलपत्र ये सब डालते हैं उसमें वो थोडासा पाऊडर लेके शरीर पर रगड के स्नान किया जाता है | मेरी सब इन्द्रियाँ आँख, कान, नाक, जीभ, त्वचा ये सब पवित्र हो | इसमें सर्वोषौधि स्नान, और मेरा मन पवित्र रहें| मेरे मन में किसी के प्रति बुरे विचार न आये |*
9⃣ *कुशोधक स्नान – कुश होता है वो थोडा पानी में मिला दिया और थोडा पानी हिला दिया | क्योंकि जो अपने घर में कुश रखते हैं ना तो उनके पास कोई मलिन आत्माएँ नहीं आ सकती | भूत, प्रेत आदि का जोर नहीं चलता | कुश क्या है ? जब भगवान का धरती पर वराह अवतार हुआ था | तो उनके शरीर से वो उखणकर जमीन पर गिरने लगे वही आज कुश के रूप में पाये जाते हैं, वो परम पवित्र है | वो कुश जहाँ पर हो वहाँ पर मलिन आत्मा नहीं आती हो तो भाग जाती हैं | तो कुश पानी में थोडा हिला दिया और प्रार्थना कर दी की, मेरे मन में जो मलिन विचार हैं, गंदे विचार हैं या कभी कभी आ जाते हैं वो सब भाग जाये | हरि ॐ … हरि ॐ … ॐ ,… करके उसे पानी में नहा दिया |*
1⃣0⃣ *हिरण्य स्नान – हिरण्य स्नान माने अगर अपने पास कोई सोने की चीज है | कोई सोने का गहना वो बाल्टी में डाल दिया, हिला दिया और स्नान कर लिया | हिलाने के बाद वो निकाल लेना बाल्टी में पड़ा नहीं रहे |*
🙏🏻 *तो ये दशविद स्नान वेद में बताया | श्रावण मास के पूर्णिमा का दिन किया जाता है | आप इसमें से आप जितने कर सकते हो उतने कर लेना | १ – २ न कर पाये तो जय सियाराम … कह दें प्रभु ! हमसे जितना हो सकता था वो किया |*
*और जब शरीर पर पानी डाल रहे हैं तो ये श्लोक बोलना –*
🌷 *नमामि गंगे तव पाद पंकजं सुरासुरैः वंदित दिव्यरूपं |*
*भुक्तिचं मुक्तिचं ददासनित्यं भावानुसारें न सारे न सदा स्मरानाम ||*
*गंगेच यमुनेच गोदावरी सरस्वती नर्मदे सिंधु कावेरी | जलस्म्ये सन्निधिं कुरु ||*
*ॐ ह्रीं गंगाय ॐ ह्रीं स्वाहा ||*
🙏🏻 *तीर्थों का स्मरण करते हुये स्नान करें | तो ये बड़ा पुण्यदायी स्नान श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन प्रभात को किया जाना चाहिये ऐसा वेद का आदेश है |*
👉🏻 *समाप्त…..*
🕉️ ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🕉️
🌷 *विद्यार्थी विशेष* 🌷
👧🏻 *विद्यार्थी पढ़ने में ज्यादा कमजोर हो तो –विद्यार्थी को सारस्वत मंत्र तो बापूजी देते ही है |*
➡ *पर समझो कोई बच्चा कमजोर है ज्यादा… पढ़ नहीं सकता तो उसको सिखा दें ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम :अपने आराध्य को स्मरण करके जप करें |*
🙏🏻 *भगवान विष्णु के चौबीस अवतार थे उसमे हयग्रीव अवतार हैं | ये अग्निपुराण में अग्निदेव वशिष्ठ से कहते हैं |*
💥 *विशेष – 08 अगस्त 2025 शुक्रवार को हयग्रीव जयंती हैं ।*
🕉️ ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🕉️पंचक शुरू- 10 अगस्त 2025, रविवार को रात 02:11 बजे
पंचक खत्म- 14 अगस्त 2025, बृहस्पतिवार को सुबह 09:06 बजे
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