
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 01 अगस्त 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛈️ अमांत – 17 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*⛈️ राष्ट्रीय तिथि – 10 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – अष्टमी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र – स्वाती रात्रि 03:40 अगस्त 02 तक तत्पश्चात् विशाखा*
*⛅योग – शुभ प्रातः 05:30 अगस्त 02 तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*⛅राहुकाल – सुबह 11:42 से दोपहर 12:23 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:36*
*⛅सूर्यास्त – 07:11*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:44 से प्रातः 05:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 अगस्त 02 से रात्रि 01:08 अगस्त 02 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – मासिक दुर्गाष्टमी*
*⛅️विशेष – अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔸सुखमय जीवन के सोपान-स्वाति के मोती🔸*
*🔹कलियुग से बचने के लिए हरेक भाई-बहन को नल-दमयंती की कथा पढ़नी चाहिए । नल-दमयंती की कथा पढ़ने से कलियुग का असर नही होगा, बुद्धि शुद्ध होगी ।*
*🔹गाय की सेवा करने से सब कामनाएं सिद्ध होती है । गाय को सहलाने से, उसकी पीठ आदि पर हाथ फेरने से वह प्रसन्न होती है । असाध्य रोगों में लगभग ६-१२ महीने यह प्रयोग करना चाहिए ।*
*🔹कहीं जाते समय रास्ते में गाय आ जाय तो उसे अपनी दाहिनी तरफ करके निकालना चाहिए । दाहिनी तरफ करने से उसकी परिक्रमा हो जाती है ।*
*🔹रोगी व्यक्ति कुछ भी खा-पी न सके तो गेहूँ आदि अग्नि में डालकर उसका धुआँ देना चहिये । उस धुएँ से रोगी को पुष्टि मिलती है ।*
*🔹मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीता जी रखें । दाह-संस्कार के समय उस ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलाये नहीं ।*
*🔹मृतक के अग्नि-संस्कार की शुरआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी सी तुलसी की लकड़ियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है ।*
*🔹घर में किसी की मृत्यु होने पर सत्संग, मंदिर और तीर्थ – इन तीनों में शोक नहीं करना चाहिए अर्थात इन तीनों जगह जरुर जाना चाहिए ।*
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