
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 31 जुलाई 2025*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛈️ अमांत – 16 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*⛈️ राष्ट्रीय तिथि – 9 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – सप्तमी प्रातः 04:58 अगस्त 01 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र – चित्रा रात्रि 12:41 अगस्त 01 तत्पश्चात् स्वाती*
*⛅योग – साध्य प्रातः 04:32 अगस्त 01 तक तत्पश्चात् शुभ*
*⛅राहुकाल – दोपहर 02:04 से शाम 03:45 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:35*
*⛅सूर्यास्त – 07:12*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:44 से प्रातः 05:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:20 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 अगस्त 01 से रात्रि 01:08 अगस्त 01 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – संत तुलसीदासजी जयंती*
*⛅️विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है, व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग🔹*
*(अनिद्रा, दाह, फोड़े-फुंसी आदि :)*
*🔸जिनको सिरदर्द होता हो अथवा रात को ११ से २ के बीच की नींद टूटती हो, नकसीर फूटती हो, उन सबके लिए एक प्रयोग है – धनिया, आँवला और मिश्री समभाग कूटकर रख दो । १० ग्राम रात को भिगा लो, सुबह मसलकर पी लो । सुबह भिगा दो, शाम को पी लो । नींद बढ़िया आयेगी, पेट साफ रहेगा, आँखों की जलन, मासिक की अधिकता, फोड़े-फुंसी सब शांत हो जायेंगे । मूत्रदाह तथा स्वप्नदोष से भी रक्षा होगी । जिनको नकसीर की तकलीफ है (नाक फूटती है), उन लोगों के लिए भी यह प्रयोग आशीर्वादरूप है ।*
*🔸नकसीर : हरे धनिये अथवा तुलसी के रस की २-३ बूँदें नाक में डालें । सुबह-शाम त्रिफला का सेवन करें । इससे २-४ दिन में आराम होता है ।*
*तरबूज खाने अथवा उसका रस पीने से भी नकसीर में आराम होता है ।*
*🔸फोड़े-फुंसियाँ : पालक, गाजर और ककड़ी तीनों मिलाकर उसका रस ले लें अथवा हरे नारियल का पानी पियें । इससे फोड़े-फुंसियाँ दूर होते हैं । भोजन में नमक कम मात्रा में लें ।*
*🔹गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
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