
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 01 जुलाई 2025*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌤️ अमांत – 17 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
*🌤️ राष्ट्रीय तिथि – 10 आषाढ़ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – षष्ठी सुबह 10:20 तक तत्पश्चात् सप्तमी*
*⛅नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी सुबह 08:54 तक तत्पश्चात् उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग – व्यतीपात शाम 05:19 तक तत्पश्चात् वरियान्*
*⛅राहुकाल – शाम 03:49 से शाम 05:33 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:19*
*⛅सूर्यास्त – 07:22*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:34 से प्रातः 05:16 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:17 से दोपहर 01:11*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:23 जुलाई 02 से रात्रि 01:05 जुलाई 02 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – त्रिपुष्कर योग (सुबह 10:20 से सुबह 05:58 जुलाई 02 तक)*
*⛅विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है एवं सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹कब्जनाशक प्रयोग🔹*
*🔸 कब्ज अनेक रोगों का गढ है । कब्ज दूर करने के लिए निम्न उपाय करें ।*
*🔸 रात को हरड़ पानी में भिगोकर रखें । सुबह थोड़ी सी हरड़ उसी पानी में रगड़ें और थोड़ा सा नमक मिलाकर पियें ।*
*🔸सूर्योदय से पहले खाली पेट रात का रखा हुआ पानी आवश्यकतानुसार पियें (गुनगुना हो तो उत्तम) ।*
*🔸मेथी के पत्तों की सब्जी खायें ।*
*🔸धनिया, पुदीना, काला नमक व काली मिर्च की चटनी भोजन के साथ लें ।*
*🔸श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को थलबस्ती कहते हैं। यह प्रयोग रोज तीन-चार बार करने से भी कब्ज दूर होता है और वीर्यहानि, स्वप्नदोष एवं प्रदर रोग से रक्षा होती है । व्यक्तित्व विकसित होता है ।*
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