
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 जून 2025*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌤️ *अमांत – 16 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 आषाढ़ मास*
🌤️ *मास – आषाढ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – पंचमी सुबह 09:23 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – मघा सुबह 07:20 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
🌤️ *योग – सिद्धि शाम 05:21 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:08 से सुबह 08:52 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 05:19*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:22*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्री द्वारकाधीश पाटोत्सव,व्यतीपात योग (शाम 05:21 से 01 जुलाई शाम 05:19 तक)*
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *लक्ष्मी प्राप्ति में सावधानी* 🌷
💐 *फूलों को पैरो तले नहीं आने देना चाहिए, अन्यथा लक्ष्मीजी नाराज़ हो जाती हैं l*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
🌷 *विघ्न-बाधा नष्ट करने के लिए* 🌷
👉🏻 *’श्री’ माने सौंदर्य, ‘श्री’ माने लक्ष्मी, ‘श्री’ माने ऐश्वर्य, ‘श्री’ माने सफलता । ईश्वर के रास्ते चलने पर किसीके जीवन में विघ्न-बाधाएँ हों तो ‘श्रीं ॐ स्वाहा।’ इस मंत्र की एक माला रोज करने से विघ्न-बाधाएँ नष्ट होती हैं।*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
🌷 *दुर्गति से रक्षा हेतु* 🌷
😌 *मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीताजी रखें | दाह – संस्कार के समय ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलायें नहीं |*
🔥 *मृतक के अग्नि – संस्कार की शुरुआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी – सी तुलसी की लकडियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है |*
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जुलाई पंचक 2025 तिथि
पंचक आरंभ: जुलाई 13, 2025, रविवार को शाम 06:53 बजे
पंचक अंत: जुलाई 18, 2025, शुक्रवार को तड़के सुबह 03:39 बजे
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞एकादशी
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि प्रारम्भ – 5 जुलाई 2025, को शाम 06:58 बजे
व्रत आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 6 जुलाई 2025, को रात 09:14 बजे
एकादशी
20 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। व्रत 21 जुलाई को कामिका एकादशी
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