
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 15 जून 2025*
?️ *दिन – रविवार*
?️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
?️ *शक संवत -1947*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
?️ *अमांत – 1 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 25 ज्येष्ठ मास*
?️ *मास – आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – चतुर्थी शाम 03:51 तक तत्पश्चात पंचमी*
?️ *नक्षत्र – श्रवण रात्रि 16 जून रात्रि 01:00 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
?️ *योग – इन्द्र दोपहर 12:20 तक तत्पश्चात वैधृति*
?️ *राहुकाल – शाम 05:31 से शाम 07:15 तक*
?️ *सूर्योदय – 05:16*
?️ *सूर्यास्त – 07:20*
? *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
? *व्रत पर्व विवरण – षडशीति मिथुन संक्रांति (पुण्यकाल: सुबह 06:53 से दोपहर 02:07 तक)*
? *विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*? रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
? *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
? *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *नकसीर* ?
? *यह होने पर सिर पर ठंडा पानी डालें | ताज़ी व कोमल दूब ( दूर्वा ) का रस अथवा हरे धनिये का रस बूँद – बूँद नाक में टपकाने से रक्त निकलना बंद हो जाता है | दिन में दो – तीन बार १० ग्राम आँवले के रस में मिश्री मिलाकर पिलायें अथवा गन्ने का ताजा रस पिलाने से नकसीर में पूरा आराम मिलता है |*
? ~ *वैदिक पंचांग* ~ ?
? *बेहोश होने पर( Coma से बाहर लाने )*
? *कोई बेहोश हो गया हो तो उसके सिर पर तिल के तेल की मालिश करो, पैरों पर तिल का तेल रगड़ो । उस के कानों में “ऐं ऐं” अथवा “ॐ ॐ” बोलें ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *मनोरथ सिद्धि* ?
?? *“गुरु ….गुरु” के जप से भक्तों का मनोरथ पूरा होता है |*
?? *भगवान शिवजी कहते है: गुरु मंत्रों मुखे यस्य, तस्य सिद्धि न अन्यथा गुरु लाभात सर्व लाभों गुरु हीनस्थ बालिश: |*
?? *जिसके जीवन में गुरु नही है उसका कोई सच्चा हित करने वाला भी नहीं है | जिसके जीवन में गुरु है वो चाहे बाहर से शबरी भीलन जैसा गरीब हो फिर भी सोने की लंका वाले रावन से शबरी आगे आ गयी, रविदास चमार हो फिर भी गुरु मन्त्र है मीरा के तारणहार हो गए |*
?? *गुरु शब्द बहुत powerful है और गुरुदर्शन, गुरु blessing बहुत बहुत कल्याण करता है | तो बोले ‘गु’कार सिद्धि प्रोक्तो रेफ़ पापस्य हारक | गुरु में ‘र’ जो है पापनाशक है | ‘ऊ’कारो विष्णु अव्यक्त: त्रेआत्मा: गुरु परः | ये तीनो शब्द गुरु शब्द के है | गुरु शब्द का ‘ग’कार सिद्धि देनेवाला, ‘र’कार पाप हरनेवाला ‘ऊ’कार अव्यक्त विष्णु भगवान से मिलानेवाला | गुरु वो है जो श्रेष्ठ है और तीनों से पार भी है | ये आगमसार ग्रंथ है उसका श्लोक मैंने तुमको सुनाया |*
? ~ *वैदिक पंचांग* ~ ?पंचक
16 जून, सोमवार 1:06 अपराह्न 20 जून, शुक्रवार 9:45 बजे
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