
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 12 जून 2025*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️ अमांत – 30 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
*🌤️ राष्ट्रीय तिथि – 22 ज्येष्ठ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – प्रतिपदा दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात् द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – मूल रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात् पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग – शुभ दोपहर 02:01 तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*⛅राहुकाल – दोपहर 02:21 से शाम 03:45 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:15*
*⛅सूर्यास्त – 07:19*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:30 से प्रातः 05:12 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:19 जून 13 से रात्रि 01:00 जून 13 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – गुरु हरगोविन्दसिंहजी जयंती*
*⛅विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड ( कुम्हड़ा, पेठा ) न खाये क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹*
*१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।*
*२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।*
*३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।*
*४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।*
*५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।*
*🔹स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो🔹*
*स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो रात को सवा लीटर पानी रख दो … सुबह ज्यादा ठंडा हो तो थोड़ा गरम पानी मिला दो …. ७ तुलसी के पत्ते खा लो …. पानी पी लो …. फिर थोड़ा घूमो …. 8 दिन के अन्दर स्त्री संबंधी कई बीमारी भाग जाएगी ….. मासिक संबंध की कई तकलीफ ठीक हो जाएगी …. अधिक आना… देर से आना… पीड़ा से आना सब ठीक हो जायेगा …. कब्जियत भी ठीक हो जाएगी ।*🙏💐🌹🌷🕉️🌹🌷🪷🚩🌹🙏
