
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 18 मई 2025*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️ अमांत – 5 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
*🌤️ राष्ट्रीय तिथि – 28 वैशाख मास*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र – उत्तराषाढा शाम 06:52 तक तत्पश्चात् श्रवण*
*⛅योग – शुभ प्रातः 06:43 तक, तत्पश्चात् शुक्ल प्रातः 05:53 मई 19 तक, तत्पश्चात् ब्रह्म*
*⛅राहुकाल – शाम 05:19 से शाम 07:01*
*⛅सूर्योदय – 05:22*
*⛅सूर्यास्त – 07:06*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:32 से प्रातः 05:15 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:10 से दोपहर 01:03*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:15 मई 19 से रात्रि 12:57 मई 19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 05:57 से शाम 06:52 तक)*
*⛅विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹विघ्न बाधा निवारक प्रयोग🔹*
*🔸हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर ʹૐʹ बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । केवल हल्दी के घोल से भी ʹૐʹ लिखें तो यही फल प्राप्त होगा ।*
*🔹लक्ष्मीवर्धक प्रयोग🔹*
*🔸ʹश्री हरि… श्री हरि… श्री हरिʹ थोड़ी देर जप करें । तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ । उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनंद भी बढ़ेगा ।*
*🔸जल में गौमूत्र मिलाकर स्नान करने से पापों का नाश होता है । दही लगाकर स्नान करने से लक्ष्मी बढ़ती है । (अग्नि पुराणः 267,6,7)*
*🔸लक्ष्मी की इच्छा रखने वाले को दूध खुला नहीं छोड़ना चाहिए, ढककर रखना चाहिए ।*
*🔹स्मृति एवं स्वास्थ्य वर्धक प्रयोग : आश्रम की गौ चंदन (स्पेशल) धूपबत्ती जलाने से वातावरण ऋणायनों से समृद्ध हो जाता है और कमरा बंद करके उसके पवित्र वातावरण में प्राणायाम करने से स्मृतिशक्ति, आरोग्यशक्ति, रोगप्रतिकारक शक्ति में बढ़ोतरी होती है ।*
*🔹बोधायन ऋषि प्रणीत दरिद्रतानाशक प्रयोग🔹*
*🔸28 दिन (4 सप्ताह) तक सफेद बछड़े वाली सफेद गाय के दूध की खीर बनायें । खीर बनाते समय दूध को ज्यादा उबालना नहीं चाहिए । चावल पानी में पकायें, फिर दूध डालकर एक-दो उबाल दे दें । उस खीर का सूर्यनारायण को भोग लगायें सूर्यनारायण का स्मरण करें और खीर को देखते-देखते एक हजार बार ओंकार का जप करें । फिर स्वयं भोग लगायें । जप के प्रारम्भ में यह विनियोग बोलें – ૐकार मंत्र गायत्री छंदः अंतर्यामी ऋषि परमात्मा देवता अंतर्यामी प्रीतिअर्थे, परमात्मप्राप्ति अर्थे जपे विनियोग । इससे ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी, तेजस्विता बढ़ेगी तथा सात जन्मों की दरिद्रता दूर होकर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होगी ।*
*🔹पित्त की समस्याओं के लिए🔹*
*🔸मोबाइल फोन से सिरदर्द, आँखों की जलन और बहुत सारी गड़बड़ियाँ पायी गयी हैं । अत: मोबाइल का उपयोग कम करें । जिनको सिरदर्द हो या आँखों में जलन हो, मुँह में छाले हों उनको पित्त की तकलीफ है । वे सुबह मंजन करते समय एक कटोरी में ठंडा पानी लें, उसका एक कुल्ला मुँह में रखें, बाकी के पानी में एक-एक आँख डुबा के आधा-आधा, एक-एक मिनट मिचकाये फिर मुँह का पानी बाहर कुल्ला कर दें तो मस्तक में चढ़ी हुई गर्मी आँखों व दाँतों के द्वारा भी नीचे आयेगी । सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और सर्वप्रथम अपने सिर पर पानी डालें । पहले पैरों पर पानी डालने से पैरों की गर्मी सिर पर चढ़ती हैं ।*
*🔹स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग🔹*
*🔸रक्तवृद्धि : बेल के फल को सुखा के उसके गूदे का चूर्ण बना लें । यह चूर्ण और मिश्री दूध में मिलाकर लेने से खून की बढ़ोतरी होती है । गन्ना चूसने से भी खून बढ़ता है । बीट (जो गोल-गोल और लाल होते हैं, जिसकी सब्जी बनती है) की कैंडी बना के रखें । उसका उपयोग करने से भी खून बढ़ता है ।*
*🔸शीतलता व पुष्टि के लिए : जौ, चावल गेहूँ और चने का सत्तू बना लें और इसमें ठंडा पानी मिलाकर घोल बनायें । मीठा खाना है तो मिश्री डाल दें, नमकीन खाना हो तो नमक डाल दें, जैसी मर्जी हो । थोड़ा घी मिला लें । इसे खाने से शीतलता व पुष्टि की प्राप्ति के साथ ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी ।*
*🌳🌳पेड़ लगाए अपना कर्तव्य निभाए🌳🌳*
अपने लिए अपने भविष्य के लिए अपने मा बाप देव ऋण मिटाने के लिए एक व्यक्ति दस पेड़ सभी पेड़ अपने आने वाले कल के नाम पर जरूर लगाए
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