ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 18 नवम्बर 2024*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*🌥️ अमांत – 3 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 27 कार्तिक मास*
*⛅मास – मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – तृतीया शाम 06:55 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र – मॄगशिरा दोपहर 03:49 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग – सिद्ध शाम 05:22 तक तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल – प्रातः 08:07 से प्रातः 09:25 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:45*
*⛅सूर्यास्त – 05:20*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:11 से 06:03 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:03 से दोपहर 12:47 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 18 से रात्रि 12:51 नवम्बर 19 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:55 से दोपहर 03:49 तक)*
*⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔹 *बरकत लाने की सरल कुंजियाँ* 🔹
🔸 *बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता । ऐसे में आपके काम-धंधे में बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रहे हैं ।*
🔸 *१] ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है ।*
🔸 *२] दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी ।*
🔸 *३] रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है ।*
🔸 *४] ईमानदारी से व्यवहार करें । ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है ।*
*🔹मास – अनुसार त्रिफला का अनुपान🔹*
*🔸मासों के अनुसार त्रिफला के साथ उसमें उसकी मात्रा के छठे भाग बराबर निम्नलिखित द्रव्यों को मिला के सेवन करने से उसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है ।*
*(१) श्रावण और भाद्रपद – सेंधा नमक*
*(२) आश्विन और कार्तिक – शर्करा (मिश्री या खाँड़ अर्थात् अपरिष्कृत शक्कर)*
*(३) मार्गशीर्ष और पौष – सोंठ चूर्ण*
*(४) माघ तथा फाल्गुन – पीपर का चूर्ण*
*(५) चैत्र और वैशाख – शहद*
*(६) ज्येष्ठ तथा आषाढ़ – पुराना गुड़*
*🔹इस प्रकार त्रिफला शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने में सहायक व प्रसादरूप है ।*