ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 04 नवम्बर 2024*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*⛅ अमांत – 19 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 12 कार्तिक मास*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – तृतीया रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र – अनुराधा प्रातः 08:04 तक ज्येष्ठा*
*⛅योग – शोभन प्रातः 11:44 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहु काल – प्रातः 07:58 से प्रातः 09:19 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:33*
*⛅सूर्यास्त – 05:28*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:04 से 05:55 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:45 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 04 से रात्रि 12:49 नवम्बर 05 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:46 से प्रातः 08:04 तक)*
*⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 हेमंत ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा 🌹*
*🌹यह ऋतु विसर्गकाल अर्थात् दक्षिणायन का अन्तकाल कहलाती है । इस काल में चन्द्रमा की शक्ति सूर्य की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती है इसलिये इस ऋतु में औषधियाँ, वृक्ष, पृथ्वी व जीव-जन्तुओं की पौष्टिकता में भरपूर वृद्धि होती है । शीत ऋतु में शरीर में कफ का संचार होता है तथा पित्तदोष का नाश होता है ।*
*🌹शीत ऋतु में जठराग्नि अत्यधिक प्रबल रहती है अतः इस समय लिया गया पौष्टिक और बलवर्धक आहार वर्ष भर शरीर को तेज, बल और पुष्टता प्रदान करता है । इस ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत की तन्दुरुस्ती के लिये किस प्रकार का आहार लेना चाहिए ? शरीररक्षण कैसे हो ? आइये, हम उसे जानें :*
*🌹शीत ऋतु के इस काल में खट्टा, खारा तथा मधुर रसप्रधान आहार लेना चाहिए ।*
*🌹पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरिष्ठ एवं घी से बने पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए ।*
*🌹इस ऋतु में सेवन किये हुए खाद्य पदार्थों से ही वर्ष भर शरीर की स्वस्थता की रक्षा का भंडार एकत्रित होता है । अतः उड़दपाक, सोंठपाक जैसे बाजीकारक पदार्थों अथवा च्यवनप्राश आदि का उपयोग करना चाहिए ।*
*🌹जो पदार्थ पचने में भारी होने के साथ-साथ गरम व स्निग्ध प्रकृति के होते हैं, ऐसे पदार्थ लेने चाहिए ।*
*🌹दूध, घी, मक्खन, गुड़, खजूर, तिल, खोपरा, सूखा मेवा तथा चरबी बढ़ानेवाले अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन करने योग्य माने जाते हैं ।*
*🌹इन दिनों में ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए बल्कि थोड़ा गर्म एवं घी-तेल की प्रधानतावाला भोजन करना चाहिए ।*
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