ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌹🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 10 अक्टूबर 2023*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ॠतु*
🌤️ *अमांत – 24 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 18 भाद्रपद मास*
🌤️ *मास – आश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी शाम 03:08 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – मघा पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग – साध्य सुबह 07:47 तक तत्पश्चात शुभ*
🌤️ *राहुकाल – शाम 02:56 से शाम 04:22 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:16*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:53*
👉 *दिशाशूल- उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – इंदिरा एकादशी,मघा श्राद्ध*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *इंदिरा एकादशी* 🌷
➡️ *09 अक्टूबर 2023 सोमवार को दोपहर 12:37 से 10 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 03:08 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 10 अक्टूबर, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *इंदिरा एकादशी व्रत से बड़े – बड़े पापों का नाश हो जाता है | यह नीच योनियों में पड़े हुए पितरों को भी सद्गति देनेवाली है | इसका माहात्म्य पढ़ने-सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है | – पद्म पुराण*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 10 अक्टूबर, मंगलवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*