ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 1 सितम्बर 2024*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 17 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 10 श्रावण मास*
*⛅मास – भाद्रपद*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – चतुर्दशी प्रातः 05:21 सितम्बर 02 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*⛅नक्षत्र – अश्लेषा रात्रि 09:49 तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग – परिघ शाम 05:50 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल – शाम 05:01 से शाम 06:35 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:54*
*⛅सूर्यास्त – 06:40*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से 05:36 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:05 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:17 सितम्बर 02 से रात्रि 01:02 सितम्बर 02 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि, शिव चतुर्दर्शी, अघोर चतुर्दर्शी*
*⛅विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.37-38)*
*🔹स्वास्थ्य की कुंजियाँ🔹*
*🔸 प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के बाद नीम व तुलसी के पाँच-पाँच पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से प्लेग तथा कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है ।*
*🔸 सुबह खाली पेट चुटकी भर साबुत चावल (अर्थात् चावल के दाने टूटे हुए न हों) ताजे पानी के साथ निगलने से यकृत (लीवर) की तकलीफें दूर होती हैं ।*
*🔸 केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसे और शाम खाने से सोने जैसी होती है । शारीरिक श्रम न करने वालों को केला नहीं खाना चाहिए । केला सुबह खाली पेट भी नहीं खाना चाहिए । भोजन के बाद दो केला खाने से पतला शरीर मोटा होने लगता है ।*
*🔸 जलनेति करने से आँख, नाक, कान और गले की लगभग 1500 प्रकार की छोटी-बड़ी बीमारियाँ दूर होती हैं ।*
*🔸 रोज थोड़ा-सा अजवायन खिलाने से प्रसूता की भूख खुलती है, आहार पचता है, अपान वायु छूटती है, कमरदर्द दूर होता है और गर्भाशय की शुद्धि होती है ।*
*🔸 रात का शंख में रखा हुआ पानी तोतले व्यक्ति को पिलाने से उसका तोतलापन दूर होने में आशातीत सफलता मिलती है । चार सूखी द्राक्ष रात को पानी में भिगोकर रख दें । उसे सबेरे खाने से अदभुत शक्ति मिलती है ।*
*🔸 पश्चिम दिशा की हवा, शाम के समय की धूप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।*
*🔸बालकों की निर्भयता के लिए गाय की पूँछ का उतारा करें ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔸स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔸रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔸रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*