ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 14 अगस्त 2024*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌦️ अमांत – 30 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 24 आषाढ़ मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – नवमी प्रातः 10:23 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – अनुराधा दोपहर 12:13 तक तत्पश्चात जयेष्ठा*
*⛅योग – इंद्र शाम 04:06 अगस्त 14 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल – दोपहर 12:21 से दोपहर 02:00 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:44*
*⛅सूर्यास्त – 06:59*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:47 से 05:32 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 अगस्त 15 से रात्रि 01:06 अगस्त 15 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:16 से दोपहर 12:13 तक)*
*⛅विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है। दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹धन व विद्या प्रदायक मंत्र🔹*
*श्रीहरि भगवान सदाशिव से कहते हैं : “हे रूद्र ! भगवान श्री गणेश का यह मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नम: ।’ धन और विद्या प्रदान करनेवाला है । १०० बार इसका जप करनेवाला प्राणी अन्य लोगों का प्रिय बन जाता है ।” (गरुड़ पुराण, आचार कांड, अध्याय:१८५ )*
*वह अन्य लोगों का प्रिय तो होगा किंतु ईश्वर का प्रिय होने के लिए जपे तो कितना अच्छा !*
*🔹गौमाता रोग-दोष निवारिणी🔹*
*🔸कमजोर बच्चों के लिए : अत्यधिक निर्बल, रोगी तथा सूखाग्रस्त बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुँह में डालें । प्रतिदिन दो-चार धार बच्चे के मुँह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा ।*
*🔸निर्बल तथा रोगी व्यक्तियों को गाय के धारोष्ण दूध (तुरंत निकाला गया दूध) का झाग चाट चाटकर धीरे-धीरे पीना चाहिए । इस प्रकार मात्र २० मिलिलिटर दूध पीने से ही एक लिटर दूध के बराबर लाभ मिलता है ।*
*🔸चक्कर आना तथा प्यास लगना : गोदुग्ध चक्कर आना, अधिक प्यास लगना, पुराना ज्वर, रक्त विकार आदि तकलीफों को दूर करता है तथा क्रोध को शांत करता है ।*
*🔸आँख में चमक लगना या गर्मी के कारण आँख लाल होना : वैल्डिंग की चमक से या गर्मी के दिनों में तेज धूप से कभी-कभी आँखों में चमक लग जाती है, आँखें लाल हो जाती हैं तथा दर्द करने लगती हैं । इसके निवारण के लिए गाय के दूध में फिटकरी डालकर उसे उबालें ताकि दूध फट जाय । फटे दूध का छैना साफ-स्वच्छ रूई के फाहे पर रख लें । उस छैने को फाहे सहित आँखों पर बाँधकर आराम से लेट जायें । आँखें बहुत जल्दी ठीक हो जाएँगी ।*
*🔸दुग्ध वर्जित : बासी दूध, ठंडा, खट्टा, दुर्गंधयुक्त, फटा, खराब रंग का दूध नहीं पीना चाहिए । कफ, खाँसी, अतिसार, श्वास और गैस के रोगी दूध का प्रयोग न करें । अगर करें तो बताई गई विधि और दवा के साथ ही प्रयोग करें ।