ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 08 अगस्त 2024*
*⛅दिन – गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌦️ अमांत – 25 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 18 आषाढ़ मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्थी रात्रि 12:36 अगस्त 09 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र – उत्तर फाल्गुनी रात्रि 11:34 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग – शिव दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल – दोपहर 02:02 से शाम 03:41 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:40*
*⛅सूर्यास्त – 07:06*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:46 से 05:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:11*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:24 अगस्त 09 से रात्रि 01:07 अगस्त 09 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी*
*⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹वर्षा ऋतु में विशेष लाभदायी🔹*
*🔹पेट के व अन्य विकारों में लाभकारी अजवायन*
*🔸अजवायन उष्ण, तीक्ष्ण, जठराग्निवर्धक, उत्तम वायु कफनाशक, आमपाचक व पित्तवर्धक है । वर्षा ऋतु में होनेवाले पेट के विकारों, जोड़ों के दर्द, कृमि- रोग तथा कफजन्य विकारों में अजवायन खूब लाभदायी है ।*
*🔹औषधीय प्रयोग🔹*
*🔸 भोजन से आधे घंटे पहले अजवायन में थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से मंदाग्नि, अजीर्ण, अफरा (gas), पेट के दर्द एवं अम्लपित्त (hyperacidity) में राहत मिलती है ।*
*🔸भोजन के पहले कौर के साथ अजवायन खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है ।*
*🔸अजवायन और तिल समभाग मिलाकर दिन में १-२ बार खाने से अधिक मात्रा में व बार-बार पेशाब आने की समस्या में राहत मिलती है ।*
*🔸अजवायन और एक लौंग का चूर्ण शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है ।*
*🔸१५ से ३० दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से मासिक धर्म के समय होनेवाली पीड़ा में राहत मिलती है । (यदि मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो उक्त प्रयोग न करें । सुबह खाली पेट २ से ४ गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है ।)*
*🔹उपरोक्त सभी प्रयोगों में अजवायन की सेवन मात्रा: आधा से २ ग्राम ।*
*🔹अजवायन का तेल🔹*
*🔸लाभ: अजवायन के तेल की मालिश संधिवात (arthritis) और गठिया में खूब लाभदायी है ।*
*🔸तेल बनाने की विधि : २५० मि.ली. तिल के तेल को गरम करके नीचे उतार लें । इसमें १५ से २० ग्राम अजवायन डालकर कुछ देर ढक के रखें फिर छान लें । अजवायन का तेल तैयार ! इससे दिन में २ बार मालिश करें ।*
*🔹सावधानी : ग्रीष्म व शरद ऋतु में तथा पित्त प्रकृति वालों को अजवायन का उपयोग अत्यल्प मात्रा में करना चाहिए ।*