ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅️दिनांक – 5 अप्रैल 2024*
*⛅️दिन – शुक्रवार*
*⛅️विक्रम संवत् – 2080*
*⛅️अयन – उत्तरायण*
*⛅️ऋतु – वसंत*
*🌤️अमांत – 24 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 16 फाल्गुन मास*
*⛅️मास – चैत्र*
*⛅️पक्ष – कृष्ण*
*⛅️तिथि – एकादशी दोपहर 01:28 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅️नक्षत्र – घनिष्ठा शाम 06:07 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅️योग – साध्य सुबह 09:56 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅️राहु काल – सुबह 10:46 से दोपहर 12:20 तक*
*⛅️सूर्योदय – 06:02*
*⛅️सूर्यास्त – 06:39*
*⛅️दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅️ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:56 से 05:43 तक*
*⛅️ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:16 से दोपहर 01:06 तक*
*⛅️ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00.18 अप्रैल 06 से रात्रि 01.04 अप्रैल 06 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण- पापमोचनी एकादशी*
*⛅️विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
*🌞ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🌞*