ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 29 मार्च 2024*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 16 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 फाल्गुन मास*
🌤️ *मास – चैत्र (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार फाल्गुन*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – वज्र रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात सिद्धि*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:50 से दोपहर 12:22 तक*
🌞 *सूर्योदय- 06:10*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:31*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – *चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
➡️ *30 मार्च 2024 शनिवार को रात्रि 10:47 से 31 मार्च, रविवार को रात्रि 09:53 तक व्यतिपात योग है।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *कथा स्रोत – बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *रंग पंचमी* 🌷
👉🏻 *हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष (गुजरात अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष) की पंचमी पर रंग पंचमी का पावन त्योहार मनाया जाता है। इस साल 30 मार्च को रंग पंचमी पड़ रही है। रंग पंचमी के दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। इस पावन दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। रंग पंचमी का त्योहार नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता पाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन लोग ज्योतिष शास्त्र में वर्णित कुछ उपाय करते हैं, मान्यता है कि ऐसा करने से धन-संपदा में बरकत होती है। आइए जानते हैं रंग पंचमी के खास उपाय*
➡️ *1. रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करनी चाहिए। माता लक्ष्मी धन संपत्ति, ऐश्वर्य आदि की देवी हैं। पूजा के समय माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु को लाल गुलाल अर्पित करें। पूजा के समय कनकधरा स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।*
➡️ *2. रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधिवत पूजा करें। इसके बाद उन्हें गुलाल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती हैं। प्रेम संबंध मजबूत होते हैं। दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए पति-पत्नी को एक साथ पूजा करनी चाहिए।*
➡️ *3. रंग पंचमी के दिन एक पीले कपड़े में एक सिक्का और हल्दी की पांच गांठें बांधकर पूजा स्थल पर रख दें। फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करके एक घी का दीपक जलाएं। दीपक के शांत होने पर हल्दी और सिक्के की पोटली को तिजोरी में रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।*
➡️ *4. रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना फलदायी माना गया है। पूजा के समय माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई जैसे बर्फी, बताशा, मिश्री या खीर का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने से परिवार में धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।