ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग~🌞*
*⛅दिनांक – 1 जून 2024*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️अमांत – 19 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 10 वैशाख मास*
*⛅मास – जयेष्ठ*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – नवमी प्रातः 07:24 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद प्रातः 03:16 जून 02 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग- प्रीति दोपहर 03:10 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅राहु काल – प्रातः 08:48 से प्रातः 10:31 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:17*
*⛅सूर्यास्त – 07:14*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:11 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 जून 02 से रात्रि 12:59 जून 02 तक*
*⛅विशेष – दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार🔹*
*🥥🫒नारियल पानी :- नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला है । यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतू की उष्णता से सुरक्षा करता है । अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी हैं ।*
*🔸लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप करने से लाभ होता है ।*
*🔸प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है । ( अष्टमी को नारियल न खायें । )*
*🔸मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।*
*🥒खीरा : – खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।*
*अत: इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता हैं । यह मूत्र की जलन शांत करता है एवं यकृत ( लीवर ) के लिए भी हितकारी है । खीरा भूख बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता हैं ।*
*🔸 अधिक पढने – लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता है तथा थकावट दूर होती है ।*
*🔸नींबू और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।*
*🍉तरबूज : ग्रीष्म ऋतू में प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।*
*🔸 तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।*
*🔸 गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।*
*🔸तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।*
*☘️धनिया : – धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।*
*🔸१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में १ गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।*
*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*
*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*🔹अकाल मृत्यु व घर में बार बार मृत्यु होने पर🔹*
*🔸जिसे मौत का भय होता है या घर में मौतें बार-बार होती हों, तो शनिवार को “ॐ नमः शिवाय” का जप करें और पीपल को दोनों हाथों से स्पर्श करें । खाली १०८ बार जप करें तो दीर्घायुष्य का धनी होगा । अकाल मृत्यु व एक्सिडेंट आदि नहीं होगा । ऐसा १० शनिवार या २५ शनिवार करें, नहीं तो कम से कम ७ शनिवार तो जरूर करे