ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*🌞
🌤️ *दिनांक – 12 फरवरी 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 29 गते माघ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 22 पौष मास*
🌤️ *मास -माघ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – तृतीया शाम 05:44 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वभाद्रपद दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद*
🌤️ *योग – सिद्ध 13 फरवरी रात्रि 02:37 तक तत्पश्चात साध्य*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:26 से सुबह 09:48 तक*
🌞 *सूर्योदय- 07:01*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:03*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – तिलकुंद चतुर्थी,पंचक*
💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति* 🌷
➡ *जप तिथि : 13 फरवरी 2024 मंगलवार को (विष्णुपदी संक्रांति)*
*पुण्यकाल सुबह 09:51 से दोपहर 03:54 से तक |*
🙏🏻 *विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *वसंत पंचमी* 🌷
➡️ *14 फरवरी 2024 बुधवार को वसंत पंचमी तिथी है।*
🙏🏻 *सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें । सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।*
🙏🏻 *वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव का दिवस है । जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *मंगलवार चतुर्थी* 🌷
👉 *भारतीय समय के अनुसार 13 फरवरी 2024 मंगलवार को सूर्योदय से दोपहर 02:41 तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं..*
*👉🏻मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :-*
🌷 *1) ॐ मंगलाय नमः*
🌷 *2) ॐ भूमि पुत्राय नमः*
🌷 *3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः*
🌷 *4) ॐ धन प्रदाय नमः*
🌷 *5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः*
🌷 *6) ॐ महा कायाय नमः*
🌷 *7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः*
🌷 *8) ॐ लोहिताय नमः*
🌷 *9) ॐ लोहिताक्षाय नमः*
🌷 *10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः*
🌷 *11) ॐ धरात्मजाय नमः*
🌷 *12) ॐ भुजाय नमः*
🌷 *13) ॐ भौमाय नमः*
🌷 *14) ॐ भुमिजाय नमः*
🌷 *15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः*
🌷 *16) ॐ अंगारकाय नमः*
🌷 *17) ॐ यमाय नमः*
🌷 *18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः*
🌷 *19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः*
🌷 *20) ॐ वृष्टि हराते नमः*
🌷 *21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः*
🙏 *ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मन्त्र बोले :-*
🌷 *भूमि पुत्रो महा तेजा*
🌷 *कुमारो रक्त वस्त्रका*
🌷 *ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम*
🌷 *ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे*
🙏 *हे भूमि पुत्र!..महा क्यातेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ।