ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 04 फरवरी 2024*
?️ *दिन – रविवार*
?️ *विक्रम संवत – 2080*
?️ *शक संवत -1945*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
?️ *अमांत – 21 गते माघ मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 14 पौष मास*
?️ *मास -माघ(गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार पौष)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – नवमी शाम 05:49 तक तत्पश्चात दशमी*
?️ *नक्षत्र – विशाखा सुबह 07:21 तक तत्पश्चात अनुराधा*
?️ *योग – वृद्धि दोपहर 12:13 तक तत्पश्चात ध्रुव*
?️ *राहुकाल – शाम 04:32 से शाम 05:52 तक*
? *सूर्योदय- 07:06*
?️ *सूर्यास्त- 17:57*
? *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
? *व्रत पर्व विवरण –
? *विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*? रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
? *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
? *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
? *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *सर्दियों की पुष्टिवर्धक खुराक* ?
?? *सर्दियों की पुष्टिवर्धक खुराक बनाओ | काले तिल ले लो, थोडा गुड़ डाल के चिक्की बनाओ | १० ग्राम चिक्की चबा-चबा के खाओ, ज्यादा नहीं | इससे मसूड़े मजबूत होंगे, दाँत मजबूत होंगे, पेशाब-संबंधी तकलीफें नहीं होंगी और शरीर मजबूत व पुष्ट होगा |*
? *(यह प्रयोग सर्दियों में सुबह खाली पेट करना लाभदायी होता है |)*
?~*वैदिक पंचांग* ~?
? *ध्यान की महिमा* ?
?? *आज्ञाचक्र में ओंकार या गुरु का ध्यान करने से बुद्धि विकसित होती है और नाभि में ओंकार या गुरु का ध्यान करने से आरोग्य एवं रोग प्रतिकारक शक्ति विकसित होती है l*
?~*वैदिक पंचांग* ~?
? *सुख-शांति व बरकत के उपाय* ?
? *तुलसी को रोज जल चढायें तथा गाय के घी का दीपक जलायें |*
? *सुबह बिल्वपत्र पर सफेद चंदन का तिलक लगाकर संकल्प करके शिवलिंग पर अर्पित करें तथा ह्र्द्यपुर्वक प्रार्थना करें |*
