ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 03 फरवरी 2024*
?️ *दिन – शनिवार*
?️ *विक्रम संवत – 2080*
?️ *शक संवत -1945*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
?️ *अमांत – 20 गते माघ मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – , 13 पौष मास*
?️ *मास -माघ(गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार पौष)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – अष्टमी शाम 05:20 तक तत्पश्चात नवमी*
?️ *नक्षत्र – विशाखा पूर्ण रात्रि तक*
?️ *योग – गण्ड दोपहर 12:52 तक तत्पश्चात वृद्धि*
?️ *राहुकाल – सुबह 09:51 से सुबह 11:11 तक*
? *सूर्योदय- 07:07*
?️ *सूर्यास्त- 17:56*
? *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
? *व्रत पर्व विवरण –
? *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
? *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
? *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
? *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *काले तिल* ?
?? *अष्टांग संग्रहकर श्री वाग्भट्टाचार्यजी के अनुसार १५ से २५ ग्राम काले तिल सुबह चबा-चबाकर खाने व ऊपर से शीतल जलपीने से सम्पूर्ण शरीर–विशेषत: हड्डियाँ, दांत, संधियाँ व बाल मजबूत बनते हैं |*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *चार बातों को याद रखो* ?
➡ *१] ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों व ज्ञानवृद्ध बड़े-बुजुर्गों का आदर करना ।*
➡ *२] छोटों की रक्षा करना और उन पर स्नेह करना ।*
➡ *३] सत्संगी बुद्धिमानों से सलाह लेना और*
➡ *४] मूर्खों के साथ नहीं उलझना ।*
? *नम्रता के तीन लक्षण*
?? *१] कडवी बात का मीठा जवाब देना ।*
?? *२] क्रोध के अवसर पर भी चुप्पी साधना और*
?? *३] किसीको दंड देना ही पड़े तो उस समय चित्त को कोमल रखना ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *छोटे-बड़े नुकसान से बचने के लिए* ?
?? *धर्म-ग्रंथों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं,जिनका ध्यान हर किसी को रखना बहुत ही जरुरी होता है। ग्रंथों में तीन ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं,जिनमें मनुष्य को बहुत ही सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। इन परिस्थितियों में बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले आपके लिए कई तरह के नुकसानों का कारण बन सकते हैं।*
? *श्लोक-*
*अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्मनर्थः कलहप्रियः।*
*आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।*
?? *बचे रहना चाहते हैं हर छोटे-बड़े नुकसान से तो ध्यान रखें ग्रंथों में बताई ये 3 बातें*
1⃣ *बिना सोचे-समझे खर्च करना*
*कई लोगों को पैसों का मूल्य नहीं पता होता। वे मुनाफा या सैलेरी आते ही उसे खर्च करने के बारे में सोचने लगते हैं । पैसा खर्च करने से पहले अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के बारे में भी सोचना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना आगे-पीछे की सोचे पैसों को हर जगह खर्च करता रहता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता ही है।*
2⃣ *हर काम में जल्दी दिखाना*
*ग्रंथों में धैर्य रखने की बात कही जाती है। जिस मनुष्य के अंदर धैर्य और शांति की कमी रहती है, वे हर काम में जल्दबाजी करते हैं । ऐसे में कई बार काम बिगड़ जाते हैं। किसी भी काम को करने के पहले उसके बारे में अच्छी तरह से विचार करना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना विचार किए हर काम में जल्दी दिखाता है, उसे कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ता है।*
3⃣ *हर बात पर झगड़ा करना*
*कई लोग गर्म मिजाज के होते हैं। छोटी-छोटी सी बातों पर भड़क जाते हैं और लड़ने-झगड़ने लगते हैं । छोटी-छोटी सी बातों पर गुस्सा होना या दूसरों से लड़ने लगना मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक मानी जाती है। जो मनुष्य इस तरह के स्वभाव का होता है, उसे अपनी आदत की वजह से कई बार सभी के सामने शर्मिदा होना पड़ता है। ऐसे स्वभाव की वजह से वे भविष्य में मिलने वाले कई अवसरों को भी खो देते हैं।*
??????????
