– जिम कॉर्बेट के पाखरो रेंज से जुड़ा है टाइगर सफारी निर्माण घोटाला
– सीबीआई के अलावा घोटाले की चल रही विजिलेंस जांच
– लोकसभा चुनाव से पहले बहु अनुकृति व करीबी लक्ष्मी राणा भाजपा में शामिल हुई, विजिलेंस जांच धीमी पड़ी
पहाड़ का सच देहरादून।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरोंं रेंज से जुड़े टाइगर सफारी निर्माण घोटाले मामले में सीबीआई ने शनिवार को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से लगभग दो घंटे पूछताछ की। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री ने सीबीआई को कुछ गोपनीय दस्तावेज सौंपे। दस्तावेज में क्या है,इसकी जानकारी नहीं मिल पाई।
केदारनाथ उप चुनाव से ऐन पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से सीबीआई पूछताछ के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हरक भी उप चुनाव के लिए संभावित दावेदारों में माने जा रहे हैं, लेकिन इस बीच उन पर सीबीआई का शिंकजा कस गया है। इस प्रकरण को लेकर बार फिर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर हरक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पाखरो टाइगर सफारी निर्माण से संबंधित मामले में तत्कालीन सीएम से लेकर प्रमुख सचिव वन की भूमिका को लेकर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं।
कॉर्बेट के पाखरो टाइगर सफारी निर्माण प्रकरण में सीबीआई ने तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से लगभग दो घंटे पूछताछ की है। इसके बाद हरक सिंह का सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें हरक सिंह रावत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेटस से जुड़े ऐसे दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का दावा किया है, जिससे उनकी संलिप्तता उजागर होगी।
हरक सिंह के अनुसार सीबीआई ने उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था। इस दौरान उन्होंने सीबीआई की ओर से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने प्रकरण से जुड़े कई दस्तावेज सीबीआई को सौंपे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की बात भी दोहराई है। बकौल, हरक रावत प्रधानमंत्री की कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दौरान ही पाखरो टाइगर सफारी निर्माण की घोषणा की गई थी। इसका नोटिफिकेशन करना प्रधानमंत्री कार्यालय का काम है, जो नहीं हुआ।
दूसरी तरफ, ऐन केदारनाथ चुनाव से पहले सीबीआई की ओर से हरक सिंह रावत से पूछताछ किए जाने की बात सामने आने के बाद इसके सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं, हालांकि अभी तक उनकी पार्टी के किसी नेता का इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में हरक सिंह रावत का विरोधी धड़ा इसे लेकर हरक को घेरने की कोशिश ज़रूर करेगा।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाई भाजपा में शामिल हो गई थी। अनुकृति के भाजपा में शामिल होने से राजनीतिक हलकों में ये कयास लगाए जा रहे थे कि हरक भी दोबारा भाजपा में जा सकते हैं, किंतु हरक तो गए नहीं,उनकी करीबी रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई।
पूर्व डीएफओ किशनचंद भी गिरफ्तार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर वर्ष-2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच के बाद विजिलेंस ने आरोपित बृजबिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया और इसके बाद 24 दिसंबर 2022 को पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के बिना कराए निर्माण कार्य
पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान का मामला तब सामने आया था, जब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इस संबंध में मिली शिकायत की स्थलीय जांच की। साथ ही शिकायत को सही पाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की।
इस प्रकरण की अब तक कई एजेंसियां जांच कर चुकी हैं। ये बात सामने आई कि सफारी के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान के साथ ही बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कराए गए।सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस प्रकरण में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की जांच में यहां छह हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान की बात सामने आई थी। मामले में दो आइफएस भी निलंबित किए गए थे।