पहाड़ का सच/एजेंसी
भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में लव मैरिज करने पर अपनी जिंदा बेटी का शोक संदेश छपवाने वाले माता-पिता बेहद दुखी हैं. बेटी के इस कदम से आहत हुए माता-पिता का कहना है कि 18 साल तक खून पसीना बहाकर बेटी को पढ़ा लिखाकर उसे अपने पैरों पर खड़ा किया. उसी बेटी ने जब उन्हें पहचनाने से इनकार कर दिया तो फिर क्या बच गया. यह मामला सोशल मीडिया में काफी छाया हुआ है. वहीं पूरे जिले में चर्चा का विषय भी बना हुआ है.
दरअसल भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर स्थित रतनपुरा गांव निवासी भैंरूलाल जाट ने अपनी बेटी प्रिया को लाड़ प्यार से पढ़ा लिखाकर बड़ा किया. बाद में उसका रिश्ता भी तय कर दिया था. लेकिन किसी कारणवश वह रिश्ता टूट गया. उसके बाद भैंरूलाल ने अपनी बेटी के लिए कई लड़के तलाशे लेकिन परिवार वालों ने बेटी को अच्छी शिक्षा देने की कहकर उसकी शादी बाद में करवाने पर जोर दिया. इस पर पिता ने खून पसीना बहाकर उसे अच्छी तालीम दी. लेकिन उसके बाद प्रिया घर से भाग गई और लव मैरिज कर ली.
पिता भैंरूलाल जाट ने कहा कि हमने नाजों से बेटी को पाल पोसकर बड़ा किया. उसकी सगाई भी कर दी.थी. लेकिन लड़के वालों ने यह रिश्ता तोड़ दिया. उसके बाद हमने बेटी की अच्छी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया. कुछ दिनों पहले ही वह उसी लड़के के साथ भाग गई जिसके साथ पूर्व में उसकी सगाई हुई थी. बकौल भैंरूलाल उसके बाद हमने लड़के के माता पिता से भी बात की तो वे दोनों की शादी के लिए भी राजी हो गए थे.
भैंरूलाल ने बताया कि हमने कई बार दोनों को घर आने को कहा लेकिन वे नहीं आए. इस पर पुलिस में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई. हाल ही में सदर थाना पुलिस ने बेटी को ढूंढने के बाद उनको थाने बुलाया. भैंरूलाल ने बताया कि वहां हमारी बेटी ने हमें पहचानने से ही इनकार कर दिया. इसके कारण हम टूटकर रह गए. हमने उससे खूब मिन्नतें भी की लेकिन उस पर कोई भी असर नहीं हुआ. इससे आहत होकर उन्होंने अपनी बेटी को मरा मानकर उसकी शोक पत्रिका छपवाई है.
वहीं प्रिया की मां हेमलता जाट ने बताया कि वह हमीरगढ़ बैंक में रुपये जमा करवाने की बात कहकर घर से निकली थी. उसके बाद हमें फोन आया कि वह उसी लड़के के साथ जा रही है जिसके साथ पहले उसकी सगाई की थी. हमने काफी तलाश की लेकिन जब वह नहीं मिली तो हम लड़के के घर वालों से मिले और रीति रिवाज से शादी करने के लिए कहा. इस पर उन्होंने हमें आश्वासन दिया. लेकिन थाने में जाकर सब पलट गए. हमारी बेटी ने भी पहचान से इनकार कर दिया. प्रिया की मां ने रोते हुए सवाल किया कि क्या 18 साल तक खून पसीना बहाकर बेटी को बड़ा करने के बाद उस पर परिवार को काई हक नहीं बनता है?